जीवित को Dead और मृत को Live बताने के बाद फिर मरा बताकर Insurance claim, ग्वालियर-चंबल में 1000 से ज्यादा क्लेम उजागर

मध्य प्रदेश में प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना में ग्वालियर-चंबल के जिलों में फर्जी क्लेम लिए गए। जीवन बीमा निगम, एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस, आईसीआईसीआई प्रड्यूंशियललाइफ इंश्योरेंस, मैक्सेस लाइफ इंश्योरेंस जैसी आठ बीमा कंपनियों के माध्यम से यह क्लेम लिए गए है जिनसे अब तक एक हजार से ज्यादा क्लेम सामने आ चुके हैं और करीब 20 करोड़ का फर्जी क्लेम लिए जा चुके हैं। पढ़िये रिपोर्ट।

प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना में बीमित व्यक्ति कि मृत्यु के बाद नामीनी को दो लाख रुपए की राशि मिलती है। ग्वालियर-चंबल संभाग में आठ बीमा कंपनियों न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी, स्टार यूनियन डाई-इची लाइफ इंश्योरेंस शुड, भारतीय एक्सा लाइफ इंश्योरेंस कंपनी, आईसीआईसीआई प्रुडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस कंपनी, मैक्सेस लाइफ इंश्योरेंस कंपनी, यूनाइटेड इडिया इंश्योरेंस कंपनी, एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस कंपनी, एलआईसी इंडिया में इस योजन के फर्जी क्लेम सामने आए हैं जिनमें अभी तक मैक्सेस लाइफ इंश्योरेंस और एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस कंपनियों के करीब 1004 फर्जी मामले सामने आए हैं। इनमें लगभग बीस करोड़ रुपए के फर्जी क्लेम सामने आ चुके हैं।
ग्वालियर-भिंड-मुरैना के मामले पकड़े गए
आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो ईओडब्ल्यू ने अब तक ग्वालियर-चंबल संंभागों के ग्वालियर, भिंड और मुरैना के मामले पकड़े हैं। ग्वालियर में मैक्सेस लाइफ इंश्योरेंस कंपनी के 325 प्रकरणों में से पांच की जांच पूरी हो चुकी है। इनमें नदीम, इरशाद, नसीमा, सिमरन और कृष्णा शंखवार जीवित होने के बाद भी नगर निगम ग्वालियर से मृत्यु प्रमाण पत्र लेकर दो-दो लाख रुपए के क्लेम लिए गए। इन मामलों में यह सामने आया कि गरीब और कम पढ़े-लिखे व्यक्तियों की तलाश के बाद बीमा कंपनियों में क्लेम लिया जाता रहा। भिंड और मुरैना में मृत लोगों को जीवित बताकर उनकेएसबीआई लाइफ इंश्योरेंस कंपनी में बीमा कराए गए और फिर उनके फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्रों से प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा के क्लेम हासिल किए गए। भिंड में बलवीर सिंह, शशि विमल, मंजूबाई औरअरविंद जैसे मृत को जिंदा बताया तो मृत लक्ष्मण श्रीवास को जिंदा बताया और फिर फर्जी क्लेम के लिए सभी को मृत बताकर बीमा कंपनी में क्लेम लिए गए। भिंड में अब तक पकड़े गए प्रकरणों में बालेंद्र सिंह कुशवाह, सतीश परिहार, निखिल विमल, भोलू और पंचायत सचिव सूरतराम कुशवाह द्वारा फर्जी क्लेम प्रकरणों में मुख्य भूमिका निभाई गई। वहीं, मुरैना में मर चुके अरुण कुशवाह, सीमाबाई, राजाबेटी, कल्याण महौर, सुनीता बाई को जिंदा दिखाने के बाद उनकी मृत्यु बताई गई और क्लेम प्रकरण बीमा कंपनियों में लगाए गए। इस तरह बीमा एजेंट मानसिंह कुशवाह, वल्लेश किरार और पंचायत सचिव प्रदीप सिंह कुशवाह, रिंकू सिंह कुशवाह, सगुनी कुशवाह, सूरज सिंह कुशवाह ने मिलकर ऐसे फर्जी क्लेम बीमा कंपनियों से लेकर चूना लगाया। यह गिरोह बीमा एजेंट और पंचायत सचिव प्रमुख आरोपी सामने आए हैं जो लोग गरीब व कम पढ़े-लिखे व्यक्तियों बीमित व्यक्तियों के प्रकरण तलाशते थे और ऐसे मृत व्यक्तियों को भी तलाशते थे जिनके मामलों में उनके परिजन कोई दावा नहीं करने सामने नहीं आ सकते हों। ईओडब्ल्यू इस मामले में जांच कर रही है।

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