मध्य प्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री की छवि को बेहतर ढंग से पेश करने के लिए जनसंपर्क संचालनालय की भूमिका अहम रहती है मगर यहां मोहन सरकार में अब तक तीन कमिश्नर तो दो डायरेक्टर बदल चुके हैं। डायरेक्टर पद तो कई महीनों से रिक्त पड़ा है। अभी भी सरकार ने यहां आईएएस डायरेक्टर देने के बजाय राज्य प्रशासनिक सेवा के अपर संचालक की पदस्थापना कर पद की रिक्तता को बरकरार रखा है। पढ़िये रिपोर्ट।
मध्य प्रदेश का महत्वपूर्ण समझा जाने वाला जनसंपर्क संचालनालय इन दिनों उपेक्षा का शिकार जैसा बना हुआ है। यहां पिछले दो साल में तीन आयुक्त बदले जा चुके हैं। सबसे पहले शिवराज सरकार से इस भूमिका को निभा रहे मनीष सिंह को हटाया तो फिर मोहन सरकार द्वारा लाए गए संदीप यादव भी ज्यादा दिन नहीं चले। इसके बाद सुदाम खाड़े की पदस्थापना हुई और वे भी ज्यादा समय तक इस पद पर नहीं टिके। उन्हें हटाकर दीपक सक्सेना को लाया गया है जिन्होंने जबलपुर में निजी स्कूलों की फीस नियंत्रण को लेकर काफी अच्छा काम किया गया था। अब तक उनका कार्यकाल दो महीने का ही हुआ है। अब उनके ऊपर मंत्रालय में पूर्व आयुक्त अनुपम राजन को अपर मुख्य सचिव बनाकर बैठा दिया गया है। वहीं, जनसंपर्क संचालनालय का दूसरा प्रमुख अधिकारी संचालक होता है मगर यह पद कई महीनों से रिक्त पड़ा है। इस पद पर शिवराज सरकार के समय आईपीएस अधिकारी आशुतोष प्रताप सिंह कई सालों तक रहे और दो साल में यहां आईएएस अधिकारी की पदस्थापना होती रही है। कुछ महीने से यह रिक्त है और यह कयास लगाए जा रहे थे कि किसी जूनियर आईएएस अधिकारी की यहां पदस्थापना हो सकती है। मगर राज्य शासन ने राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी गणेश जायसवाल की पदस्थापना अपर संचालक के रूप में करके इस पर लगभग विराम सा लगा दिया है। यह संकेत दिए गए हैं कि दीपक सक्सेना ही दोनों भूमिकाओं को निभाते रहेंगे।
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