कांग्रेस ने लोकसभा सीटों के बंटवारे में खजुराहो सीट सपा को दी, यूपी ले ली 17 सीटें

लोकसभा चुनाव में संयुक्त विपक्ष के इंडिया गठबंधन में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच यूपी और एमपी में सीटों के बंटवारे पर समझौता हो गया है। कांग्रेस को यूपी में समाजवादी ने 17 सीटों पर प्रत्याशी उतारने के लिए सहमति दे दी है तो मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने सपा को एक सीट सौंप दी है। पढ़िये रिपोर्ट।

इंडिया गठबंधन में सीटों के बंटवारे के तहत उत्तर प्रदेश से संयुक्त विपक्ष ने शुरुआत की है। कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच सीटों का बंटवारा हो गया है। दोनों पार्टियों ने आपसी सहमति से यूपी और एमपी में सीटों के बंटवारे को अंतिम रूप देकर लखनऊ में संयुक्त पत्रकार वार्ता में इसका ऐलान कर दिया है जिसमें उत्तर प्रदेश के समाजवादी पार्टी व कांग्रेस के जिम्मेदार नेता शामिल हुए।
समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के नेताओं ने अपने अपने अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, नेता राहुल-प्रियंका गांधी और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की पहल का स्वागत किया और भाजपा को लोकसभा चुनाव में हराने के लिए दोनों दलों के नेताओं ने मिलजुलकर प्रयास करने की बात कही। समझौते के तहत इस तरह का समझौता कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच हुआ है। इसमें कांग्रेस को यूपी में रायबरेली, अमेठी, कानपुर नगर, फतेहपुर सीकरी, बांसगांव, सहारनपुर. प्रयागराज, महाराजगंज, वाराणसी, अमरोहा, झांसी, बुलंदशहर, गाजियाबाद, मथुरा, सीतापुर, बाराबंकी और देवरिया तो समाजवादी पार्टी को एमपी में खजुराहो सीट पर प्रत्याशी खड़ा करने के फैसले की जानकारी मीडिया को दी गई।

मध्य प्रदेश में खजुराहो सीट समाजवादी पार्टी को दिए जाने के पीछे सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की मांग बताया जा रहा है क्योंकि खजुराहो लोकसभा का क्षेत्र उत्तर प्रदेश की सीमा से लगा है। यहां यादव समाज की आबादी भी ज्यादा है और यह सीट सामान्य भी है। उत्तर प्रदेश से लगी दूसरी सीट बुंदेलखंड की टीकमगढ़ है लेकिन यह अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित होने से समाजवादी पार्टी को वहां प्रत्याशी खड़ा करने में विशेष रुचि नहीं है। समझौते में कांग्रेस को यूपी में मिली सीटों में से रायबरेली-अमेठी गांधी परिवार के सदस्यों का क्षेत्र माना जाता है जहां परिवार के सदस्य चुनाव लड़ते रहे हैं। वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुनाव लड़ते हैं और वहां समाजवादी पार्टी ने अपना कदम खींच लिया है क्योंकि उस सीट पर जीत मुश्किल मानी जा रही है। अखिलेश यादव ने कुछ दिन पहले कांग्रेस को वाराणसी से चुनाव लड़ने की चुनौती भी दी थी जिसे समझौते में कांग्रेस ने स्वीकार करके इंडिया गठबंधन को बनाए रखने की दिशा में बड़ा ह्रदय दिखाया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Khabar News | MP Breaking News | MP Khel Samachar | Latest News in Hindi Bhopal | Bhopal News In Hindi | Bhopal News Headlines | Bhopal Breaking News | Bhopal Khel Samachar | MP News Today