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लोकसभा चुनाव के बीच मंत्री को खुश करने वन विभाग की भगोरिया के बहाने टेंट कैंपिंग, मंत्री की पत्नी हैं प्रत्याशी

लोकसभा चुनाव प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और वन विभाग ने भगोरिया के बहाने अपने मंत्री नागर सिंह चौहान के गृह नगर आलीराजपुर में टेंट कैंपिंग आयोजन कर कई तरह के सवालों को जन्म दे दिया है। आयोजनस्थल वहीं हैं जहां वन मंत्री की पत्नी अनीता लोकसभा चुनाव में भाजपा की प्रत्याशी हैं। हालांकि टेंट कैंपिंग के बारे में जिला निर्वाचन अधिकारी से जब पूछताछ की गई है तो उन्होंने आधा घंटे बाद ही आयोजन को बंद करा दिया। देखिये रिपोर्ट।
मध्य प्रदेश के वन मंत्री नागर सिंह चौहान हैं जिनकी पत्नी को भाजपा ने रतलाम-झाबुआ संसदीय क्षेत्र से लोकसभा का प्रत्याशी बनाया है। इस संसदीय क्षेत्र में आदिवासी समुदाय का भगोरिया उत्सव धूमधाम से मनाया जाता है जिसमें लाखों की संख्या में आदिवासी विभिन्न आयोजनों में शरीक होते हैं और पर्यटक भी भगोरिया को देखने के लिए पहुंचते हैं। वन विभाग के मध्य प्रदेश ईको पर्यटन विकास बोर्ड ने भगोरिया में पहली बार आलीराजपुर में भगोरिया उत्सव के लिए टेंट कैंपिंग का आयोजन करने का फैसला किया था और 18 मार्च से इसकी शुरुआत भी हो गई थी। बोर्ड ने बाकायदा ई बुकिंग की सुविधा शुरू की थी। यह आयोजन भगोरिया उत्सव के आखिरी दिन यानी 24 मार्च तक तय किया गया था।
कलेक्टर से पूछताछ की तो आधा घंटे में बंद
आलीराजपुर कलेक्टर और जिला निर्वाचन अधिकारी अभय बेडेकर से वन विभाग के इस आयोजन के बारे में पूछताछ की गई तो उन्होंने स्वीकार किया कि वन विभाग ने टेंट लगाकर लोगों की सुविधा के लिए इंतजाम किए हैं। जब इस तरह के आयोजन के लोकसभा चुनाव की आदर्श आचार संहिता के दायरे में आने की बात कही तो उन्होंने पहले इससे इनकार किया लेकिन आधा घंटे में उसे बंद कराकर कहा कि वन विभाग को उन्होंने टेंट कैंपिंग नहीं कराने के निर्देश दे दिए हैं।
आलीराजपुर में वन विभाग ने क्यों लगाया टेंट कैंप
आलीराजपुर में वन विभाग ने क्यों लगाया टेंट कैंप, यह सवाल जब उठा तो इसके पीछे कथित रूप से वन मंत्री नागर सिंह चौहान को वन अफसरों के खुश करने की कोशिश बताई गई। इसके पीछे तर्क यह दिया गया कि भगोरिया उत्सव में पहले कभी वन विभाग ने इस तरह के टेंट कैंप नहीं लगाए। यह भी कहा गया कि भगोरिया उत्सव में लाखों आदिवासी शामिल होते हैं तो लोकसभा चुनाव में प्रचार का यह सबसे सशक्त माध्यम होने से वन विभाग के अफसरों को वहां डेरा डालने का मौका मिल गया।
टेंट कैंपिंग में ये थी व्यवस्थाएं
18 मार्च से शुरू हुई टेंट कैंपिंग में आज तक करीब दो दर्जन पर्यटकों ने कैंपिंग व आदिवासियों के स्थानीय भोजन का लुत्फ उठाया है। पर्यटकों को इस केंपिंग में 1450 रुपए सुबह का नाश्ता, दिन का भोजन, शाम का नाश्ता, बोनफायर, रात्रि भोजन, टेंट में रात्रि विश्राम एवं 700 रुपए में डे पैकेज (सुबह का नाश्ता-शाम का नाश्ता, दिन का भोजन का लुफ्त दिया गया। साथ ही स्थानीय वन समिति सदस्यों द्वारा बनाए गए स्थानीय भोजन का आनंद (मात्र राशि रु 300 .00 प्रति थाली ) मे उठा रहे है। इस टेंट कैंपिंग के लिए ईको पर्यटन विकास बोर्ड ने ई-बुकिंग https://mpforest.gov.in/ecotourism/ पर व्यवस्था की थी और संपर्क के लिए 8085768798 नंबर भी दिया था।
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