बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ विराट हिंदू प्रदर्शन, रैली

भारत में किसी प्रधानमंत्री को नहीं भागना पड़ता। यहां की सेना बगावत नहीं करती। क्योंकि यहां हिंदू बहुसंख्यक है, लेकिन बांग्लादेश में हिंदू डॉक्टर, अध्यापक, जज, पुलिस अधिकारी, थानेदारों से इस्तीफा लिया जा रहा है या फिर उन्हें मजबूर किया जा रहा है क्योंकि वहां हिंदू अल्पसंख्यक है। आज बांग्लादेश में अत्याचार झेल रहे हिंदुओं के साथ भारत का 99.99 फीसदी हिंदू साथ हैं। यह बात सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय ने कही। वे भोपाल के भारत माता चौराहे पर आयोजित सकल हिंदू समाज के विराट विरोध प्रदर्शन कार्यक्रम में बोल रहे थे। यह कार्यक्रम हिंदू समाज ने बांग्लादेश में कट्‌टरपंथियों द्वारा हिंदुओं पर किए जाने वाले अत्याचार के खिलाफ आयोजित किया था। 

उपाध्याय ने कहा कि इस नफरत की आग को ठीक करना पड़ेगा। मैंने सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल फाइल की। मैने कहा आप हेट स्पीच को डिफाइन करिए। मैंने कहा भारत में जितनी मजहबी किताबें हैं। इनकी समीक्षा करिए कि कहीं कोई किताब हेट स्पीच तो नहीं फैला रही है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग कहते हैं, चंद कट्‌टरपंथियों के कारण सबको बदनाम किया जाता है तो मैं ऐसे लोगों से पूछना चाहता हूं कि पूर्व प्रधानमंत्री आईके गुजराल, मनमोहन सिंह और एलके आडवाणी को पाकिस्तान से 

क्यों भागना पड़ा। फिल्म एक्टर रितिक रोशन के दादा रोशन साहब, प्रेम चोपड़ा, यश चोपड़ा, गीतकर गुलज़ार, लेखक खुशवंत सिंह, खिलाड़ी मिल्खा सिंह समेत कई बड़े लोगों को भागना पड़ा था। तब उन्हें उनके कन्वर्टड मुस्लिम पड़ोसी बचाने क्यों नहीं आए थे। गांधी जी ने कहा था कि आतंकवादी को मारने से आतंक खत्म नहीं होगा। इसी प्रकार जिहादियों को नहीं, जिहादी सोच को खत्म करना होगा। उन्होंने कहा कि आज मैं भोपाल की धरती से सभी पुलिस वालों को बताना चाहता हूं कि जब कभी आपको धर्मांतरण की शिकायत मिले, सीधे धर्मांतरण कराने वालों पर एनएसए, यूएपीएस लगाइए, सभी जरूरी धाराएं लगाइए। आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है। इसका रास्ता हमने सुप्रीम कोर्ट से खुलवा दिया है। 

उन्होंने आगे कहा कि भारत में तो 6 करोड़ घुसपैठिए हैं। यह हमारे देश की एकता अखंडता के लिए खतरा हैं । हर तरह के अपराध के लिए एक्ट है, लेकिन डेमोग्राफी बदलने के खिलाफ कुछ नही है। हमारे हाथ से दुर्योधन का ननिहाल कंधार निकल गया, अफगानिस्तान बन गया। राजा भरत का ननिहाल कैकई पाकिस्तान बन गया। बंगाल का एक हिस्सा बांग्लादेश बन गया। भारत के राज्य और केंद्र शासित मिलाकर 9 राज्यों की डेमोग्राफी बदल गई। भारत के सीमा क्षेत्र से लगे 100 फीसदी जिलों की डेमोग्राफी बदल चुकी है। इसके बाद भी भारत के कुछ हिंदू बांग्लादेश के मामले में खामोश हैं। यह उनका बांग्लादेश के कट्‌टरपंथियों को मूक समर्थन है। इसे बंद करिए। आखिर में उन्होंने कहा कि बांग्‍लादेश का हिंदू नफरत की आग में जल रहा है, इस जिहादी मानसिकता के खिलाफ एकजुट होकर इस नफरत की आग को ठीक करना होगा। अश्विनी उपाध्‍याय ने बताया कि भारत में चल रहे धर्मांतरण, लवजिहाद, लैंड जिहाद, ड्रग जिहाद के खिलाफ भी आवाज उठाना जरूरी है और इस पर सरकार को उचित कार्रवाही करना चाहिए।

एकजुट होकर मांग की

सकल हिन्दू समाज ने अपने ञापन में यह मांग रखी कि बांग्लादेश सरकार से वहां हिन्दुओं पर अत्याचार तत्काल बंद करना सुनिश्चित कराया जाए एवं जेल में बंद इस्कॉन के संत चिन्मय कृष्ण दास को अविलंब कारावास से मुक्त करे। इसके साथ हीं भारत सरकार से आह्वान किया कि बांग्लादेश में हिन्दुओं और बाकी अल्पसंख्यकों पर अत्याचार रोकने के मजबूती से प्रयास करे और इसके समर्थन में वैश्विक अभिमत बनाने के यथाशीघ्र कदम उठाए।

तीन किमी लंबी रैली में बड़ी संख्या में शामिल हुआ हिंदु समाज

बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ बुधवार को भारत माता चौक, भोपाल में विराट प्रदर्शन किया गया। बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ सकल हिन्दू समाज भोपाल द्वारा विराट प्रदर्शन का आयोजन किया गया जिसमें बड़ी में हिन्दू समाज के लोग एवं संत उपस्थित रहे। दोपहर 2 बजे से शुरू हुए इस विशाल प्रदर्शन में हजारों की संख्या में लोग उपस्थित रहे। प्रदर्शन के साथ ही आज भोपाल के व्यापारियों ने स्वेच्छा से बाजार आधे दिन के लिए बंद रखे, कृषि उपज मंडी से अनाज की खरीदारी भी पूरी तरह बंद रही। 

राष्ट्रपति के नाम पुलिस आयुक्त को सौंपा ज्ञापन

प्रदर्शन में एक ज्ञापन भी तैयार किया गया। इसका वाचन दिगंबर जैन समाज के अध्यक्ष मनोज बांगा ने किया। इस पर मंचासीन सभी पदाधिकारियों के साथ मंच सामने उपस्थित लोगों ने अपना समर्थन देते हुए हस्ताक्षर किए। इसके बाद भारत माता चौराहे पर चले इस प्रदर्शन के बाद एक विशाल रैली निकाली गई। जो कि रोशनपुरा चौराहे तक करीब तीन किमी चली। इसका नेतृत्व संत समाज और विभिन्न सामाजिक संगठन के प्रतिनिधियों ने की। रोशनपुरा पहुंचकर रैली की अगुवाई कर रहे संतों ने भोपाल कमिश्‍नर हरिनारायण चारी मिश्रा को ज्ञापन सौंपकर रैली का समापन किया। इस दौरान रैली में बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल हुई।

यह रहे उपस्थित

प्रदर्शन स्‍थल पर मुख्‍य संत महामंडलेश्‍वर रामप्रवेश दास जी महाराज, स्‍वामी अलीनानंद जी महाराज, श्री महंत राधा मोहनदास जी महाराज, महायोगी महंत श्री लोकनाथ जी महाराज, महामंडलेश्‍वर रामभूषण दास जी महाराज, एवं स्‍वामी पुरषोत्‍तम आनंद जी महाराज, महत श्री सुदेश शांडिल्य महाजरा जी करुणाधाम आश्रम, श्री जितेंद्र दास जी महाराज, श्री ओमकार दास जी महाराज, महंत भोलादास जी महाराज, खतलापुरा सरकार महंत तुलसीदास जी महाराज, महंत हरी रामदास सच्चा, बाबा संत देवदास जी महाराज, महंत सुरेंद्र गिरी जी महाराज, महंत तुलसीदास जी, आर्चबिशप डॉ. ए.ए.एस. दराईराज, साध्वी रंजना दीदी, श्री जीपी सिंह, पूज्य सिद्ध भाऊ, श्री अशोक पांडेय जी, श्री डॉ. राजेश सेठी जी, श्री सोमकांत जी उमालकर, श्री किशोर तनवानी जी, श्री जयकिशन लालचंदानी जी, श्री राजेश तांतेड़ जी, श्री अरुण चौधरी जी, श्री अनिल साहु जी, श्री विलास बुचके जी, श्री सुभाष रायकवार जी, श्री हरिसिंह प्रजापति जी, श्री लक्ष्मीनारायण अग्रवाल जी, श्री बृजकिशोर वर्मा जी, श्री गोवर्धन आसेरी जी, श्री नारायण कुशवाह जी, श्री महेश चौरसिया जी सहित सभी विभिन्न समाजों के प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे।

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