-
दुनिया
-
UNO के आह्वान पर JAYS ने मनाया विश्व आदिवासी दिवस, जल, जंगल और जमीन के प्रति जागरूक हुए आदिवासी
-
बागेश्वर सरकार की ज़िंदगी पर शोध करने पहुची न्यूजीलैंड के विश्वविद्यालय की टीम
-
Rahul Gandhi ने सीजफायर को BJP-RSS की सरेंडर की परंपरा बताया, कहा Modi करते हैं Trump की जी हुजूरी
-
ऑपरेशन सिंदूर ने बताया आतंकवादियों का छद्म युद्ध, प्रॉक्सी वॉर नहीं चलेगा, गोली चलाई जाएगी तो गोले चलाकर देंगे जवाब
-
मुंबई-दिल्ली एक्सप्रेस-वे पर कामलीला, नेताजी की महिला शिक्षक मित्र संग आशिकी का वीडियो वायरल
-
1130 परिवारों को उजाड़ कर Housing Board माननीयों MP-MLA के लिए बना रहा आशियाना, रहवासियों का विरोध दरकिनार

मध्य प्रदेश गृह निर्माण मंडल जो अब मध्य प्रदेश गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास मंडल के नाम से पहचाना जाता है, एकबार फिर पुनर्घनत्वीकरण के नाम शहर की 50 साल पुरानी 1130 परिवारों की बस्ती को उजाड़ने जा रहा है। कहा जा रहा है कि इस बस्ती को गिराकर हाउसिंग बोर्ड माननीयों यानी सांसद व विधायकों के लिए भोपाल में तीसरी जगह आशियाना बनाने जा रहा है। बस्ती के परिवारों को दरकिनार कर राज्य शासन की साधिकार समिति ने योजना को मंजूरी दे दी है और डीपीआर बनाए जाने की तैयारियां चल रही हैं। पढ़िये रिपोर्ट।
मध्य प्रदेश की राजधानी बनने के बाद भोपाल के नए शहर में 1974-75 में सरस्वती नगर बसाए जाने की शुरूआत हुई थी जिसे हाउसिंग बोर्ड ने बसाया था। उस समय जिन लोगों को यहां घर दिए गए थे, उसे मैनटेनेंस के नाम पर मोटी रकम भी ली गई थी। 19 एकड़ से ज्यादा क्षेत्र में बसाए गए इस रहवासी क्षेत्र में 1130 परिवारों के रहने तथा उनके लिए 40 दुकानों का बाजार विकसित किया गया था। 1130 परिवारों में से करीब 600 परिवारों को व्यक्तिगत आवंटन किया गया था तो शेष मकानों को विभिन्न सरकारी और अर्द्ध सरकारी संस्थानों को उनके कर्मचारियों को रहने के लिए दिया गया था। आज सरस्वती नगर भोपाल शहर का ह्रदयस्थल है और यहां जमीन की कीमत सबसे ज्यादा है। हाउसिंग बोर्ड की यह योजना करीब एक हजार करोड़ रुपए की बताई जा रही है और इससे हाउसिंग बोर्ड को करीब 200 करोड़ रुपए की आय होने की संभावना जताई जा रही है। योजना 57344 वर्गमीटर क्षेत्र में विकसित करने की बात सामने आई है।
पुनर्घनत्वीकरण के नाम पर उजाड़ने की तैयारी
सरस्वती नगर में रहने वाले परिवारों की दूसरी पीढ़ी रह रही है और अब हाउसिंग बोर्ड उन्हें पुनर्घनत्वीकरण के नाम पर अपनी शर्तों पर उजाड़ रही है। जब तक योजना बनकर तैयार नहीं हो जाती तब 12 रुपए प्रति वर्ग मीटर की दर से किराया और नवनिर्मित होने वाले घरों में 20 फीसदी अतिरिक्त निर्माण करके देने का वादा किया जा रहा है। वहीं, रहवासी 50 साल पुराने आशियाने के बदले नए मकान दिए जाने के लिए 50 फीसदी अतिरिक्त निर्माण व 20 रुपए प्रति वर्गमीटर के हिसाब से किराये की मांग कर रहे हैं।
आम लोगों को उजाड़कर माननीयों की बस्ती
बताया जा रहा है कि हाउसिंग बोर्ड यहां जो आवासीय सह व्यवसायिक परिसर विकसित करने जा रही है, उसमें माननीयों यानी सांसद-विधायकों की नई बस्ती भी होगी। सांसद-विधायकों के लिए अब भोपाल में जवाहर चौक, रचना नगर जैसे स्थानों पर बस्तियां बसायी जा चुकी हैं जिन्हें माननीयों ने बेच-बेचकर अच्छा खासा लाभ कमाया और यह जरूरी नहीं कि सरस्वती नगर में जिन माननीयों को आशियाना दिए जाएगा, वे वहां रहेंगे और बेचेंगे नहीं। जवाहर चौक में जहां माननीयों में से कुछ का ही आधिपत्य है तो रचना नगर में रचना टॉवर में अधिकांश माननीय बेचकर जा चुके हैं।
Leave a Reply