मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने भोपाल मध्य के विधायक आरिफ मसूद को गवाहों की सूची पेश करने के लिए अंतिम मौका देते हुए अगली सुनवाई 22 जनवरी को तय की है। मसूद को चुनाव के दौरान नामांकन पत्र भरते समय ऋण संबंधी दस्तावेजों में जानकारी छिपाने के मामले में गवाहों की सूची हाईकोर्ट में पेश करना है।
ज्ञात हो कि भोपाल मध्य से कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद के निवार्चन को पराजित भाजपा प्रत्याशी ध्रुवनारायण सिंह ने हाई कोर्ट में चुनौती देते हुए याचिका दायर की है। इसमें उन्होंने मसूद और उनकी पत्नी द्वारा भारतीय स्टेट बैंक की अशोक नगर शाखा से लिए गए ऋण की जानकारी चुनाव आयोग के नामांकन पत्र में छिपाए जाने की बात कहते हुए उनके निर्वाचन को निरस्त करने की बात कही है।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर हाईकोर्ट जबलपुर ने ऋण संबंधी दस्तावेजों की जांच शुरू की है जिसमें बैंक मैनेजर को गवाही और प्रतिपरीक्षण के लिए बुलाया गया था जिसमें उन्होंने मसूद व उनकी पत्नी सहित 40 खाताधारकों के नाम पर बैंक के कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत से धोखाधड़ी से ऋण स्वीकृत कराने की बात कही थी जिसकी जांच सीबीआई द्वारा किए जाने का बयान दिया है।
बैंक मैनेजर ने बताया कि उन्हें भ्रमित कर उनसे रिकवरी लैटर पर हस्ताक्षर करा लिए गए जिसकी बैंक में कोई रिकार्ड नहीं है। उनका खाता एनपीए कर दिया गया है। बैंक की ओर से कोई अधिकृत रिकवरी लैटर जारी नहीं किया गया है। विधायक ने चुनाव याचिका पर सुनवाई बंद करने का आवेदन दिया था लेकिन दस्तावेजों को कूटरचित और फर्जी नहीं पाए जाने पर आवेदन हाईकोर्ट ने निरस्त कर दिया था और मसूद को सुनवाई के लिए गवाहों की नई सूची पेश करने को कहा था। मगर शुक्रवार को मसूद की ओर से गवाहों की नई सूची नहीं दिए जाने पर मामला अगली सुनवाई तक के लिए आगे बढ़ गया है।
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