54 प्रकार की जड़ी-बूटियों से बनती है गंगातीरी अगरबत्ती

बाजार में अगरबत्तियों की भरमार है जहां एक से बढ़ कर एक सुंगधित अगरबत्ती मिल रही है जो पूरे वातावरण को महका दे। लेकिन आपको कैसा लगेगा जब घर में जलने वाली अगरबत्ती से ही आपको आक्सीजन मिलने लगे, जी हां, वाराणसी के सेवापुरी क्षेत्र में ग्रामीण महिलाओं द्वारा बनाई जा रही प्राकृतिक उत्पादों वाली बांस और रसायन मुक्त गंगातिरी अगरबत्ती आपको इसका अहसास करवा सकती है। ये महिलाएं मुख्य रूप से गृहिणी हैं जिन्हें स्वावलंबी बनाना अदाणी फाउंडेशन का लक्ष्य है।

अदाणी स्किल डेवलपमेंट सेंटर द्वारा कौशल विकास कार्यक्रम शुरू करने के बाद इन महिलाओं ने पूरे जोश के साथ प्रशिक्षण में प्रवेश लिया और अगरबत्ती, पैकेजिंग, मार्केटिंग और लॉजिस्टिक्स के निर्माण के सभी पहलुओं को सीखा। वर्तमान में काशी प्रेरणा सक्षम निर्माता कंपनी लिमिटेड विभिन्न मांगों के अनुरूप अगरबत्ती के विभिन्न आकार का उत्पादन करती है।

अगरबत्ती बनाने वाली कंपनी में 300 महिलाएं काम करती हैं। यहां गाय के गोबर, कपूर, नारियल तेल, गुग्गल, चंदन पाउडर, चावल का आटा और गंगातीरी सहित अन्य 54 प्रकार की जड़ी-बूटियों जैसे प्राकृतिक सामग्रियों का उपयोग करके अगरबत्ती बनाई जाती है। गंगातीरी एक स्वदेशी भारतीय प्रजाति है, जो पूर्वी उत्तर प्रदेश के वाराणसी, गाज़ीपुर और बलिया और बिहार में गंगा नदी के आसपास पाई जाती है। अदाणी कौशल विकास केंद्र (सक्षम) अदाणी फाउंडेशन की एक प्रमुख पहल है, जो सतत आजीविका के लिए समर्पित है। काशी प्रेरणा सक्षम प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड महिलाओं का एक समूह है जो आत्मनिर्भरता के सामान्य लक्ष्य के साथ काम कर रहा है और स्थानीय महिलाओं को आजीविका के अवसर प्रदान करने के लिए उद्यमी बनाना है। ये महिलाएं जानती हैं कि उपभोक्ताओं के पास अगरबत्ती खरीदने के लिए लाखों विकल्प हैं, उन्होंने भक्तों की ज़रूरतों को ध्यान में रखा है और इन अगरबत्तियों और धूप बत्तियों का उपयोग करने में लगने वाले समय को ध्यान में रखते हुए इन स्टिक्स को रचनात्मक रूप से डिज़ाइन किया है। चूंकि समूह अपने दम पर निर्माण कर रहा है, इसे उत्तर प्रदेश के वाराणसी के सेवापुरी ब्लॉक में निर्माण इकाई के प्रशिक्षण और सेटअप के रूप में अदाणी कौशल विकास केंद्र का काफी सहयोग मिला है। अदाणी फाउंडेशन की तरफ से वाराणसी के सेवापुरी क्षेत्र में ग्रामीण महिलाओं को इस काम मदद के तौर कुछ मशीनें दी गई है जिसमें लाइजर मशीन जो पीसने के काम आती है उसके अलावा डीवाटरिंग मशीन, स्क्रीन मशीन और पांच मैन्युअल मशीनें दी गई है जो इनके रोज के कामों में तेजी लाने में काफी मददगार है।
अगरबत्तियों और धूप बत्तियों का उपयोग करने में लगने वाले समय को ध्यान में रखते हुए इन स्टिक्स को रचनात्मक रूप से डिजाइन किया गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Khabar News | MP Breaking News | MP Khel Samachar | Latest News in Hindi Bhopal | Bhopal News In Hindi | Bhopal News Headlines | Bhopal Breaking News | Bhopal Khel Samachar | MP News Today