मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह के अनुज पूर्व सांसद व पूर्व विधायक लक्ष्मण सिंह को पार्टी ने बाहर करते हुए उनकी प्राथमिक सदस्यता छह साल के लिए निष्कासित कर दी है। लक्ष्मण सिंह ने राहुल गांधी को बोलने के पहले सोचने-समझने की नसीहत दी थी और तब से उनके खिलाफ अनुशासनहीनता का एक्शन होने का आभास था। पढ़िये रिपोर्ट।
पहलगाम में धर्म पूछकर हत्या किए जाने की आतंकी घटना के बाद लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष व कांग्रेस नेता राहुल गांधी सहित उनके जीजा रार्बट वाड्रा और जम्मू कश्मीर के सीएम उमर अब्दुल्ला के बयानों पर लक्ष्मण सिंह ने विरोधी बयानदिए गए थे। राहुल गांधी सहित सभी को सोच-समझकर बोलने की नसीहत देते हुए राहुल गांधी को कहा था कि उनके बोलने से पार्टी को नुकसान हो रहा है।
तारिक अनवर ने निष्कासित किया
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की अनुशासन समिति की ओर से तारिक अनवर ने लक्ष्मण सिंह के निष्कासन का आदेश जारी किया। उन्हें न केवल पार्टी से बाहर किया गया है बल्कि छह साल के लिए उनकी प्राथमिक सदस्यता को भी समाप्त कर दिया है। लक्ष्मण सिंह के निष्कासन का पत्र सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है।
दूसरी बार कांग्रेस से बाहर
लक्ष्मण सिंह पांच बार के सांसद हैं और चार बार उन्होंने कांग्रेस से लोकसभा की सदस्यता ली तो 2004 में भाजपा के सांसद निर्वाचित हुए। चार बार सांसद बनने के बाद 2000 में उन्होंने पार्टी छोड़ दी थी। 25 साल बाद एकबार फिर लक्ष्मण सिंह की प्राथमिक सदस्यता को निष्कासित किया गया है। 2013 में उनकी कांग्रेस में वापसी हुई थी मगर इसके बाद भी वे कांग्रेस नेताओं पर अप्रत्यक्ष या प्रत्यक्ष रूप से विरोध में हमले करते रहे।
Leave a Reply