विधानसभा चुनाव के पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ गंभीर आरोप लगाकर कांग्रेस में शामिल हुए पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय कैलाश जोशी के पुत्र पूर्व मंत्री दीपक जोशी 18 महीने बाद फिर भाजपा में शामिल हो गए हैं। इस बार जिस शिवराज को उन्होंने पत्नी की मौत का जिम्मेदार बताया था, उनके गले लगकर पार्टी में दोबारा वापसी की है। पढ़िये विशेष रिपोर्ट में किस कारण पार्टी छोड़ी, किस कारण वापसी की।
मध्य प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय कैलाश जोशी का परिवार जनसंघ के समय से पार्टी से जुड़ा था लेकिन 2023 विधानसभा चुनाव के छह महीने पहले उनके पुत्र और शिवराज सरकार में मंत्री रहे दीपक जोशी ने तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर गंभीर आरोप लगाते हुए पार्टी छोड़ दी थी। गुरुवार को बुदनी में केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उपचुनाव के भाजपा प्रत्याशी रमाकांत भार्गव के चुनावी मंच पर जोशी को गले लगाकर भाजपा में वापसी कराई।
कांग्रेस से टिकट मिला मगर हार गए
दीपक जोशी ने सात मई 2023 को कमलनाथ और डॉ. गोविंद सिंह की मौजूदगी में कांग्रेस की सदस्यता ली थी और 2023 में उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव भी लड़ा लेकिन हार गए थे। इसके बाद भाजपा की सरकार बनी तो लोकसभा चुनाव के पहले उनकी भाजपा में वापसी की फिर चर्चा शुरू हुई थी। मगर शिवराज सिंह चौहान के विरोध के चलते उनकी पार्टी में वापसी आखिरी मौके पर टल गई थी।
पटवारी की कार्यकारिणी में जगह नहीं मिली
कांग्रेस में कमलनाथ के प्रदेश अध्यक्ष कार्यकाल में पार्टी ज्वाइन करने के बाद उन्हें टिकट मिलने और हार जाने पर नए अध्यक्ष जीतू पटवारी ने हाल ही में घोषित नहीं कार्यकारिणी में भी कोई जगह नहीं दी थी। दीपक जोशी को शिवराज सिंह चौहान पर सीधे आरोप लगाने की वजह से बिना उनकी सहमति के भाजपा में वापसी भी मुश्किल थी और कांग्रेस में उन्हें कमलनाथ के प्रदेश संगठन में कमजोर पड़ने के हालातों से उचित सम्मान मिलना भी संभव दिखाई नहीं दे रहा था। कॉलेज के समय के मित्र शिवराज सिंह चौहान के साथ रहना उन्होंने उचित समझा और किसी तरह उन्हें गिले-शिकवे भूलकर अपनाने के लिए राजी कर लिया।
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