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विदिशा लोकसभा सीट भाजपा से शिवराज के सामने आ सकते हैं दीपक जोशी

मध्य प्रदेश की विदिशा लोकसभा सीट हाईप्रोफाइल रही है जहां 2024 में एकबार फिर पूर्व मुख्यमंत्री और विधायक शिवराज सिंह चौहान को भाजपा उतारकर देश की चर्चित सीट बना सकती है। वहीं, कांग्रेस भी यहां से शिवराज सिंह चौहान के राजनीतिक गुरू जैसे नेता रहे पूर्व मुख्यमंत्री स्व. कैलाश जोशी के पुत्र दीपक जोशी टिकट देकर यहां कांटे का मुकाबला बनाने के मूड में दिखाई दे रही है। पढ़िये रिपोर्ट।
मध्य प्रदेश की विदिशा सीट ऐसी रही है जहां से पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटलबिहारी बाजपेयी से लेकर विदेश मंत्री स्व. सुषमा स्वराज व पूर्व मुख्यमंत्री विधायक शिवराज सिंह चौहान तक चुनाव लड़ चुके हैं। इस सीट में चार जिलों विदिशा, सीहोर, रायसेन और देवास की आठ विधानसभा सीटें विदिशा, बासौदा, भोजपुर, सांची, बुदनी, इछावर, खातेगांव आती हैं। इन पर विधानसभा चुनाव 2023 में भाजपा ने सात सीटों पर जीतों के साथ कांग्रेस को बुरी तरह मात दी है लेकिन इन सभी सीटों पर कांग्रेस का वोट 2019 लोकसभा चुनाव में प्राप्त वोटों से करीब पौने दो लाख से ज्यादा मत मिले हैं। इससे यहां लोकसभा चुनाव 2024 का मुकाबला काफी कांटे का होने की संभावना है।
भाजपा से शिवराज के साथ भार्गव के नाम
विदिशा लोकसभा सीट से भाजपा के लिए सबसे बड़ा नाम पूर्व मुख्यमंत्री और बुदनी सीट से विधायक शिवराज सिंह चौहान का है। हालांकि इस सीट पर भाजपा के लिए दूसरा नाम मौजूदा सांसद रमाकांत भार्गव का नाम भी है लेकिन गुरुवार की रात को दिल्ली में लोकसभा चुनाव के संभावित प्रत्याशी पर मंथन में इस सीट पर भी विचार-विमर्श किया गया। मध्य प्रदेश की राजनीति से शिवराज को दिल्ली की राजनीति में ले जाने के लिए पार्टी उन्हें लोकसभा चुनाव में उतारने तैयारी में है। ऐसे में एकबार फिर विदिशा लोकसभा सीट हाईप्रोफाइल सीटों में शामिल हो जाएगी।
कांग्रेस में दावेदार कई पर शिवराज के सामने दीपक जोशी चर्चा में
वहीं, कांग्रेस की ओर से विदिशा लोकसभा सीट पर कई नाम चर्चा में हैं जिनमें विदिशा विधानसभा सीट से हारे प्रत्याशी शशांक भार्गव, खातेगांव से हारे प्रत्याशी दीपक जोशी के नाम के साथ पार्टी की प्रवक्ता अनुभा आचार्य, पूर्व सांसद प्रताप भानु शर्मा के संभावित प्रत्याशियों के रूप में भी नाम चर्चा में हैं। मगर शशांक भार्गव और दीपक जोशी के नाम दौड़ में प्रमुख रूप से चर्चा में हैं। शशांक भार्गव-दीपक जोशी में से जोशी के यहां से चुनाव लड़ने की संभावनाएं ज्यादा हैं क्योंकि वे भाजपा से विधानसभा चुनाव के कुछ समय पहले ही पार्टी में आए हैं और वे भाजपा के संस्थापक नेता व पूर्व मुख्यमंत्री स्व. कैलाश जोशी के पुत्र भी हैं। शिवराज सिंह के भाजपा से चुनाव मैदान में उतारे जाने पर दीपक जोशी उनके सामने मुकाबला करने में बड़ा नाम साबित हो सकता है।
पिछले दो चुनाव में भाजपा और मजबूत हुई
2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव की तुलना करने पर देखने में आता है कि भाजपा और मजबूत हुई है। 2014 में लक्ष्मण सिंह पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के अनुज कांग्रेस के प्रत्याशी बनाए गए थे जिन्हें चार लाख के बड़े अंतर से हार मिली थी। 2019 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने शैलेंद्र पटेल को भाजपा के रमाकांत भार्गव के सामने उतारा था जिनकी हार का अंतर पांच लाख से ज्यादा हो गया। भाजपा का 2.68 वोट फीसदी बढ़ा तो कांग्रेस का करीब पौने दो फीसदी वोट कम हुआ।
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