CS इकबाल सिंह व आजीविका मिशन CEO बेलवाल की लोकायुक्त में शिकायत, 500 करोड़ के घोटाले के आरोप

मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस और राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के सीईओ व रिटायर्ड आईएफएस ललित मोहन बेलवाल पर कांग्रेस ने 500 करोड़ के घोटाले के आरोप लगाए हैं। कांग्रेस ने दोनों अफसरों के खिलाफ लोकायुक्त जस्टिस एनके गुप्ता को साक्ष्य सौंपे हैं और कार्रवाई की मांग की है। वहीं, कांग्रेस ने बैंस-बेलवाल पर जो आरोप लगाए हैं, उसके बाद एक तस्वीर सामने आई है जिसमें बैंस-बेलवाल के साथ दो महिलाएं मुस्कुराते हुए दिखाई दे रही हैं। इनमें से एक महिला आजीविका मिशन में ही काम करती है और उसकी भर्ती में फर्जी दस्तावेजों के आरोप भी लग चुके हैं। पढ़िये रिपोर्ट और देखिये वह विशेष तस्वीर।

मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के शंखनाद के बाद अब राजनीतिक दल से जुड़े नेताओं के साथ अब सरकार से जुड़े अफसर भी विपक्षी दल कांग्रेस के निशाने पर आने लगे हैं। एक्सटेंशन पर चल रहे मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस और एक रिटायर्ड आईएफएस अधिकारी ललित मोहन बेलवाल पर कांग्रेस ने 500 करोड़ के पोषण आहार घोटाले का आरोप लगाया है। सात कंपनियों के माध्यम से इन अफसरों द्वारा यह घोटाला करने के आरोप लगाए गए हैं जिसमें उत्पादन, वितरण और परिवहन में गड़बड़ी करके 500 करोड़ के घोटाले को अंजाम देने की बात कही है। इस मामले में आज कांग्रेस के दिग्गज नेताओं पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह, राज्यसभा सदस्य विवेक तनखा और पूर्व केंद्रीय मंत्री व पूर्व पीसीसी चीफ अरुण यादव ने लोकायुक्त जस्टिस एनके गुप्ता को घोटाले से जुड़े तमाम साक्ष्यों को सौंपते हुए कार्रवाई की मांग की है।
यह हैं आरोप
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि पोषण आहार एग्रो कारपोरेशन के माध्यम से सात फैक्टरियां करती थीं लेकिन 2018 के पहले इस काम को राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के माध्यम से कराने के लिए सातों फैक्टरियों को ग्रामीण विकास विभाग के अंतर्गत कर दिया गया। इस बीच बेलवाल दिसंबर 2018 में रिटायर हो गए और सरकार बदल गई तो कमलनाथ सरकार ने सातों फैक्टरियों को एग्रो कारपोरेशन को ट्रांसफर कर दिया क्योंकि ग्रामीण विकास विभाग के माध्यम से सातों फैक्टरियों के काम में भ्रष्टाचार की शिकायतें मिली थीं। मगर 2020 में कमलनाथ सरकार चली गई तो वापस शिवराज सरकार आते ही चीफ सेक्रेटरी इकबाल सिंह बैंस बने और बेलवाल को कांट्रेक्ट पर सेवा में ले लिया गया। पोषण आहार का काम को वापस पुरानी व्यवस्था के अनुसार ग्रामीण विकास को सातों फैक्टरियों को ट्रांसफर कर शुरू कर दिया गया। कांग्रेस का आरोप है कि अब तक इस घोटाले में 500 करोड़ रुपए की गड़बड़ी हो चुकी है।

फर्जी दस्तावेजों से भर्ती के आरोपों वाली महिला से बैंस-बेलवाल से ऐसे नजदीकी रिश्ते

चीफ सेक्रेटरी इकबाल सिंह बैंस के विश्वस्त आजीविका मिशन के मुख्य कार्यपालन अधिकारी भारतीय वन सेवा के रिटायर्ड अधिकारी ललित मोहन बेलवाल के साथ दो महिलाओं का एक फोटो सामने आया है। इनमें से एक महिला बेलवाल के आजीविका मिशन में कांट्रेक्ट के रूप में राज्य परियोजना प्रबंधक के पद पर कार्यरत है। इनकी भर्ती को लेकर यह आरोप है कि उनके दस्तावेज फर्जी हैं जिसमें जांच भी हो चुकी है। अगर यह बात कही है तो ऐसी दागदार महिला के साथ दोनों अधिकारियों की तस्वीर बताती है कि उनके संबंध सामान्य किसी व्यक्ति वाले नहीं है।

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