सौरभ शर्मा के बहाने कांग्रेस का भाजपा सरकार के भ्रष्टाचार पर हमला, नौटंकी की, एजेंसियों में शिकायतें

मध्य प्रदेश में परिवहन विभाग के भ्रष्टाचार का मुद्दा कोई नया नहीं है मगर इस बार कांग्रेस विधायक दल ने लगता है इसे अब तक पकड़कर रखा है। इसके लिए कांग्रेस पार्टी ने सदन के बाहर अब तक विशेष कार्ययोजना पर काम नहीं किया है लेकिन सदन के सदस्यों ने जरूर इसे तमाम दबावों के बावजूद मुद्दा बनाकर रखा है। देखना यह है कि विधानसभा सत्र के बाद कांग्रेस संगठन इस मुद्दे को कहां तक ले जाता है।

परिवहन विभाग के भ्रष्टाचार का मुद्दा आज का नहीं, यह दशकों से चला आ रहा है जो अब सिस्टम बन चुका है। पहले जब परिवहन विभाग में पुलिस से प्रतिनियुक्ति पर सिपाही से लेकर राजपत्रित अधिकारी तक जाते थे तो यह भ्रष्टाचार जाने के लिए लगी लंबी लाइन से शुरू होकर चैक पोस्ट पर पोस्टिंग तक चर्चा में रहता था। परिवहन विभाग का अपना कैडर बनने के बाद इस सिस्टम में पुलिस से जाने वाले अधिकारी-कर्मचारियों की एंट्री बंद हो गई मगर चैक पोस्ट पर पोस्टिंग-वसूली का भ्रष्टाचार आज भी वैसा ही चल रहा है। इस सिस्टम में सुर्खियां बनाने वाला मीडिया भी बहती गंगा में हाथ धोता रहा है। हालांकि मीडिया का हिस्सा विभाग के समुद्र में एक लोटा पानी जैसा कहा जा सकता है। इस सिस्टम के खिलाफ जाने में विपक्षी पार्टियां भी ज्यादा रुचि नहीं लेती हैं और मुद्दा बनाने की बजाय विपक्ष प्रतीकात्मक विरोध जैसा करके औपचारिकता निभाता रहा है। यही विरोध परिवहन विभाग के मामूली सिपाही सौरभ शर्मा की नियुक्ति से लेकर उसके सेवा से हटने के बाद जांच और आयकर जैसी एजेंसियों की कार्रवाई में सोने के बिस्किट से लेकर नकदी-शानौशोकत के आइटम मिलने में दिखाई दिया है। विपक्ष ने सड़क इसे मुद्दे बनाने का इरादा नहीं दिखाया मगर कांग्रेस के विधायक दल ने जरूर इसे अब तक पकड़कर रखा है।
सदन में चर्चा कराने से लेकर सीबीआई जांच तक की मांग
सौरभ शर्मा और उसके करीबियों चेतन सिंह गौर, शरद जायसवाल से लेकर जबलपुर के रिश्तेदारों के यहां लोकायुक्त, आयकर, ईडी के छापों में 54 किलोग्राम सोना, कई किलोग्राम चांदी,10 करोड़ नकदी, 40 एकड़ जमीन के दस्तावेजों के मिलने के बाद कांग्रेस की प्रदेश इकाई ने बयानबाजी तक अपने आपको समेटकर रखा। प्रदेश कांग्रेस संगठन से हटकर कांग्रेस विधायक दल ने नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार- उपनेता हेमंत कटारे ने आगे होकर एक्शन लिया है। हालांकि इसी बीच उमंग सिंगार के खिलाफ उनकी पत्नी रही प्रतिभा मुदगल ने उमंग के निजी आवास पर उनकी महिला मित्र सोनिया भारद्वाज की आत्महत्या के मुद्दे को सुप्रीमकोर्ट में ले जाकर मानसिक रूप से परेशानियां पैदा कीं तो उपनेता हेमंत कटारे व उनकी मां परिवार वालों पर एक भूखंड आवंटन के मामले आर्थिक अपराध अन्वेषण प्रकोष्ठ में एफआईआर की गई। यही नहीं उनके एक पुराने मामले में पूर्व गृह मंत्री भूपेंद्र सिंह द्वारा जांच को प्रभावित कर रिपोर्ट बदलवाने के आरोप भी लगाए गए। इसके बाद भी कांग्रेस विधायक के इन नेताओं ने अपने साथी विधायकों को परिवहन विभाग के भ्रष्टाचार को उजागर करने सौरभ शर्मा प्रकरण की जांच के लिए तमाम एजेंसियों पर विधानसभा सत्र के चलते हुए ज्ञापन सौंपे और विधानसभा परिसर में नौटंकी के माध्यम से भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सरकार को कुंभकरण बताया। मगर विधानसभा के बजट सत्र के बाद कांग्रेस इस मुद्दे को कहां तक ले जाती है, यह देखने वाली बात होगी।

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