ग्वालियर सर्कल में महिला रेंजर ने अपने एसडीओ को जमकर खरी-खोटी सुनाई हालांकि रेंजर की सर्कल में किसी न किसी कारण चर्चा में रही है। इसके पहले हुए भिंड में भी विवादित रह चुकी हैं।
ताजा मामला ग्वालियर सर्कल के सामाजिक वानिकी शाखा से जुड़ा हुआ है। सामाजिक शाखा में पदस्थ एसडीओ एसपी शाक्य को सीसीएफ तोमर सिंह सूलिया को आशंका हुई कि शासकीय वाहन एमपी 02AV- 6770 चोरी हो गई है। इसकी जांच अपने एसडीओ शाक्य को सौंपी। एसडीओ जांच करते हुए सूचना के आधार पर पर महिला रेंजर के निवास पर पहुंचे। वहां वाहन खड़ी पाई गई किंतु उसका एक पहिया गायब होना गया था। एसडीओ को अपने आवास पर देखकर रेंजर लाल-पीली हो गई और उन्हें खूब जमकर खरी खोटी सुनाई। मामला सीसीएफ तोमर सिंह सूलिया तक पहुंचा। सूलिया पूरे प्रकरण पर लीपापोती करने में लगे हैं। सूत्रों ने बताया कि इसके पहले रेंजर भिंड में पदस्थापना के दौरान भी उनके खिलाफ दो गंभीर जांच चल रही हैं।
यह पहला मामला नहीं
महकमें में अराजकता का यह पहला मामला नहीं है। इसके पहले सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में पूरी लाने में देरी होने पर डिप्टी डायरेक्टर संदीप फेलोज ने प्रभारी जमकर गाली गलौज की। सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के डायरेक्टर एल कृष्णमूर्ति ने इसकी रिपोर्ट वन्य प्राणी मुख्यालय को भेजी। यहां रिपोर्ट जाकर डंप हो गई है। ऐसे ही एक मामला खरगोन वन मंडल का था, जहां रेंजर ने एसडीओ को जान से मारने की धमकी दी गईथी जिसमें आज तक उसके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हुई।
महिला प्रताड़ना का मामला भो लंबित
अनूपपुर वन मंडल के डीएफओ पर महिला प्रताड़ना का आरोप सिद्ध पाए जाने के बाद भी अभी तक कोई एक्शन नहीं लिया गया जबकि इस मामले में दो वरिष्ठ अधिकारियों से जांच कराई गई। जांच रिपोर्ट में घटना सिद्ध पाए जाने के बाद प्रतिवेदन प्रशासन-दो एपीसीसी को मिली का ममता के पास लंबित है। अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है जबकि अनूपपुर मेड इन चीन की टॉर्च खरीदी में भी दोषी पाए गए हैं। इसकी रिपोर्ट भी मुख्यालय में लंबित है। मैनेजमेंट के खिलाड़ी होने के कारण डीएफओ सुशील प्रजापति के खिलाफ अब तक कोई एक्शन नहीं लिया गया है।
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