पांच IAS की अभियोजन स्वीकृति मामलाः लोकायुक्त में पूर्व सीएस इकबाल सिंह बैंस के खिलाफ जांच जारी

मध्य प्रदेश लोकायुक्त संगठन में चल रहे उज्जैन की हवाई पट्टी के मामले में लोकायुक्त ने पांच आईएएस अधिकारियों के खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति मांगी है जबकि कुछ अधिकारियों के खिलाफ अभी जांच जारी है। इनमें पूर्व मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस भी शामिल हैं जिनके खिलाफ जांच पूरी नहीं होने से अभियोजन मांगने वाले अधिकारियों की सूची में उनका नाम शामिल नहीं किया है। वैसे इस मामले में करीब आधा दर्जन आईएएस और आईपीएस के नाम भी जांच में शामिल थे जिनमें से कुछ अधिकारियों के खिलाफ भी अब तक जांच पूरी नहीं हुई है तो कुछ अफसरों को क्लीनचिट जैसी मिल गई है। इनमें लोकायुक्त के डीजी रहे अरुण गुर्टु व लोकायुक्त संगठन के सचिव रहे अरुण कोचर भी शामिल हैं। पढ़िये रिपोर्ट।

उज्जैन की हवाई पट्टी को कुछ साल पहले निजी कंपनी को पायलट ट्रेनिंग के लिए लीज पर दिया गया था जिसका करीब डेढ़ लाख रुपए सालाना लीज तय किया गया था। सिंहस्थ आयोजन की वजह से हवाई पट्टी पर बड़े विमानों के उतारे जाने के कैबिनेट फैसले के आधार पर सरकार ने यहां 80 लाख रुपए खर्च किए थे। इस मामले में सालाना लीज जमा नहीं किए जाने तथा निजी कंपनी को लीज पर दिए जाने के बावजूद सरकारी खर्च से वहां काम कराए जाने के आरोपों के आधार पर लोकायुक्त संगठन में शिकायत हुई थी जिसमें 2019 में एफआईआर दर्ज की गई थी।
शुरुआत में ये जांच के घेरे में आए
सूत्र बताते हैं कि लोकायुक्त की शुरुआती जांच में यश एयर लिमिटेड इंदौर और सेटार एविएशन नाम की दो कंपनियों सहित लोकायुक्त के डीजी रहे रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी अरुण गुर्टू, शिवरमन, यशराज टोंग्या, भरत टोंग्या, शिरीष चुन्नीलाल दलाल, वीरेंद्र कुमार जैन, दुष्यंत लाल कपूर, दिलीप रावत के नाम आए थे। इसी तरह उज्जैन कलेक्टर रहे शिवशेखर शुक्ला, अजातशत्रु श्रीवास्तव, डॉ. एम गीता, बीएम शर्मा, कवींद्र कियावत, संकेत भोंडवे, मनीष सिंह, शशांक मिश्र व नीरज मंडलोई, विमानन विभाग के प्रमुख रहे अरुण कोचर, पीडब्ल्यूडी के कार्यपालन यंत्री रहे एसएम सलूजा, एके टूटेजा व जीपी पटेल के नाम भी थे। पूर्व मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस का नाम भी इस मामले में आने पर उनके खिलाफ भी जांच शुरू हुई थी।
बैंस के अभियोजन स्वीकृति फिलहाल नहीं
सूत्रों से मुताबिक लोकायुक्त की विशेष पुलिस स्थापना ने अब तक की जांच में जिनके खिलाफ साक्ष्य पाए हैं, उनमें शिवशेखर शुक्ला, अजातशत्रु श्रीवास्तव, कवींद्र कियावत, अरुण कोचर सहित डॉ. एम गीता के नाम हैं। गीता का निधन हो चुका है तो शुक्ला को छोड़ अन्य तीन अधिकारी रिटायर्ड हो गए हैं। वहीं, मामले से जुड़े पूर्व मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस व रिटायर्ड आईएएस बीएम शर्मा की जांच अभी पूरी नहीं होने की वजह से उनके लिए अभियोजन स्वीकृति के लिए राज्य शासन को नहीं लिखा गया है।

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