अक्टूबर 2023 के दौरान कार्गो वॉल्यूम में सालाना 27 फीसदी बढ़ा

एपीएसईज़ेड के प्रमुख मुंद्रा पोर्ट ने अक्टूबर में 16.1 एमएमटी कार्गो वॉल्यूम संभालकर एक और रिकॉर्ड अपने नाम किया है, जो भारत में किसी भी पोर्ट द्वारा अब तक का सबसे अधिक वॉल्यूम है। यह साल-दर-साल (वाईटीडी) आधार पर 102 एमएमटी कार्गो की हैंडलिंग के साथ, देश का सबसे बड़ा पोर्ट है, जो सालाना 9% की अच्छी वृद्धि दर्शाता है। पोर्ट ने पिछले साल के 231 दिनों के रिकॉर्ड को पार करते हुए 210 दिनों में 100 एमएमटी का आंकड़ा पार कर लिया है।

मुंद्रा में कंटेनर (+10%) और तरल पदार्थ व गैस (+14%) के लिए सालाना आधार पर दोहरे अंक की वृद्धि देखी गई है। इसने केवल 203 दिनों में 4.2 मिलियन टीईयू कंटेनरों को संभालने का एक और माइल स्टोन हासिल किया है, जिसे पिछले वित्तीय वर्ष में 225 दिनों में हासिल किया गया था। इसने अपने पोर्टफोलियो में हाइड्रोलिसिस पाई गैस (एचपीजी) जैसे नए कार्गो टाइप को भी शामिल किया है। वाईटीडी आधार पर, इसने 2,480 से अधिक जहाजों को डॉक किया और 11,500 से अधिक रेक की सर्विस की है।

अपनी रणनीतिक स्थिति के कारण, मुंद्रा कुछ बेहतरीन सुविधाएं प्रदान करता है। गहरे ड्राफ्ट को बनाए रखने की इसकी क्षमता को देखते हुए, यह बड़े जहाजों को संभालने के लिए अच्छी तरह से तैयार किया गया है। जुलाई 23 में, इसमें अब तक के सबसे बड़े जहाजों में से एक, एमवी एमएससी हैम्बर्ग, 399 मीटर लंबा और 54 मीटर चौड़ा, 15,908 टीईयू की वहन क्षमता और 12 मीटर के वर्तमान रिपोर्ट किए गए ड्राफ्ट को भी सफलतापूर्वक हैंडल किया है। 2021 में, इसने 13,892 टीईयू एपीएल रैफल्स को खड़ा किया, जो किसी भी भारतीय पोर्ट पर कॉल करने वाला सबसे बड़ा कंटेनर जहाज है। सिंगापुर में पंजीकृत यह जहाज 397.88 मीटर लंबा और 51 मीटर चौड़ा है।

मुद्रा पोर्ट को भीतरी इलाकों, खासकर वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (डब्ल्यूडीएफसी) के साथ मजबूत कनेक्टिविटी प्राप्त है। मुंद्रा पोर्ट को जोड़ने वाली सभी प्रमुख रेल लाइनें और आईसीडी अब डबल स्टैक कंटेनर ट्रेनों को संभालने में सक्षम हैं। पिछले वर्षों में, पोर्ट ने डबल स्टैक गुणांक में भौतिक सुधार का अनुभव किया है। विचाराधीन अवधि के दौरान, मुंद्रा को नए विद्युतीकृत मार्ग पर गरही हरसरू आईसीडी से पहली ट्रेन और डब्ल्यूडीएफसी के माध्यम से आईसीडी दादरी से डबल-स्टैक सेवाएं भी प्राप्त हुईं हैं। ये आईसीडी पहले से मौजूद आईसीडी पाटली के अतिरिक्त हैं।

कार्गो वॉल्यूम वृद्धि दर को देखते हुए, मुंद्रा पोर्ट वित्त वर्ष 2025 में 200 एमएमटी का लक्ष्य रख रहा है। वॉल्यूम के हिसाब से भारत का 90% व्यापार समुद्री मार्ग से होता है, इसके बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर का मतलब बेहतर लॉजिस्टिक्स प्रदर्शन और उच्च समुद्री व्यापार व आर्थिक विकास है, जो भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की कुंजी भी है।

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