‘बीटिंग द रिट्रीट’ में ब्रास बैंड ने दिया संयम, अनुशासन और एकरूपता का परिचय

मध्यप्रदेश में गणतंत्र दिवस समारोह का समापन बुधवार को “बीटिंग द रिट्रीट’’ के साथ हुआ। समारोह में राज्यपाल श्री मंगूभाई पटेल बतौर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। जहांगीराबाद स्थित लाल परेड मैदान में यह समारोह हुआ। इस रंगारंग कार्यक्रम में पुलिस ब्रास बैंड के वादकों ने अपनी संगीतमय प्रस्तुतियों के माध्यम से संयम, अनुशासन और एकरूपता का परिचय दिया ।

इनकी रही मौजूदगी

प्रदेश के मुख्‍य सचिव श्री अनुराग जैन, पुलिस महानिदेशक श्री कैलाश मकवाणा, विशेष पुलिस महानिदेशक श्री अजय शर्मा, श्री योगेश मुद्गल, अतिरिक्‍त पुलिस महानिदेशक श्री राकेश गुप्‍ता, श्री डी.सी.सागर, श्री पवन श्रीवास्‍तव, श्री अनिल कुमार, पुलिस आयुक्‍त श्री हरिनारायण चारी सहित अन्‍य वरिष्ठ अधिकारी, पुलिस अधिकारी भव्‍य एवं आकर्षक ”बीटिंग द रिट्रीट” सेरेमनी के साक्षी बने।

पुलिस ब्रास बैंड कॉन्सर्ट में मंत्रमुग्ध करने वाली प्रस्तुतियां

“बीटिंग द रिट्रीट’’ समारोह में सर्वप्रथम मुख्य अतिथि के आगमन पर पुलिस ब्रास बैंड ने धुन बजाकर उनका स्वागत किया। मुख्य अतिथि की अनुमति के बाद पुलिस ब्रास बैंड कॉन्सर्ट में देशभक्ति गीतों और फिल्मी गीतों की शानदार धुनें प्रस्तुत की गईं। निरीक्षक श्री सुनील कटारे के नेतृत्‍व में “वंदेमातरम” से शुरू हुआ धुनों का यह कारवां ”ऐ वतन वतन मेरे, ”पुकारता चला हूं मैं”, ”ये शाम मस्‍तानी”, “तेरी मिट्‌टी”, “छूकर मेरे मन को”, “ये रात भीगी भीगी” और “यारी है इमान मेरा” गीतों की धुनों के साथ निरंतर आगे बढ़ता रहा। इस दौरान एक से बढ़कर एक संगीतमय प्रस्तुतियों ने श्रोताओं को आनंदित कर दिया। कॉन्सर्ट के अंतिम चरण में जैसे ही “जय हो” गीत की धुन पुलिस ब्रास बैंड ने बजाई तो श्रोता झूम उठे और तालियों की गड़गड़ाहट से स्टेडियम गूंज उठा।

बैंड डिस्प्ले में धुनों पर किया मार्चपास्ट

पुलिस ब्रास बैंड कॉन्‍सर्ट के बाद बैंड डिस्प्ले का आयोजन किया गया। इसमें मास्ड बैंड, पुलिस पाईप बैंड, और पुलिस ब्रास बैंड के बाद पुन: मास्ड बैंड ने प्रस्तुतियां दीं। इनमें फेनफेयर, क्विक मार्च, एंट्री मार्च, स्लो मार्च और एक्जिट मार्च में बैंड की धुनों पर मार्चपास्ट किया गया। सुमधुर गीतों की आकर्षक धुनों से श्रोता अभिभूत हो गए। रिट्रीट के पूर्व मास्ड बैंड ने ड्रम रोल की प्रस्तुति दी। अंतिम चरण में महिला टुकड़ी ने सलामी देकर ससम्मान राष्ट्रीय ध्वज को उतारकर सुरक्षित रखा। कार्यक्रम के समापन पर बैंड द्वारा प्रस्तुत “सारे जहाँ से अच्छा’’ गीत की धुन पर जवानों ने मार्चपास्ट किया। राष्ट्रगान के पश्चात आकर्षक आतिशबाजी की गई।

दिल्ली और भोपाल में होता है समारोह

उल्लेखनीय है कि बीटिंग रिट्रीट” एक प्राचीन सैन्य परंपरा है यह उन दिनों से प्रचलन में है जब युद्ध में सैनिक सूर्यास्त के समय या उसके तुरंत बाद युद्ध करना बंद कर देते थे। जैसे ही बिगुलों से “रिट्रीट” की आवाज दी जाती थी लड़ रहे सैनिक अपने हथियार बंद कर युद्ध के मैदान से हट जाते थे, इसलिये रंग, मानक आवरण और झंडे “रिट्रीट” पर उतारे जाते हैं। समारोह में आज मार्शल संगीत का मिश्रण और एक बैंड कार्यक्रम शामिल है, जिसके बाद रिट्रीट की ध्वनि सुनाई देती है।

भारत में “बीटिंग रिट्रीट” गणतंत्र दिवस समारोह के अंत का प्रतीक है। प्रत्येक वर्ष 29 जनवरी की शाम को अर्थात गणतंत्र दिवस के तीसरे दिन ” बीटिंग रिट्रीट” का आयोजन किया जाता है। भारत में इस कार्यक्रम के साथ ही गणतंत्र दिवस के कार्यक्रमों का औपचारिक समापन होता है। राष्ट्रीय स्तर पर देश की राजधानी दिल्‍ली के रायसीना हिल्स के विजय चौक के अलावा केवल मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में ही “बीटिंग द रिट्रीट” समारोह का आयोजन किया जाता है।

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