मध्य प्रदेश भाजपा के नवनिर्वाचित अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल ने अपनी सोच को स्पष्ट करते हुए अपनी लाइन को बताने का प्रयास किया है। उन्होंने देश के प्रसिद्ध समाचार टीवी चैनल एनडीटीवी के एक कार्यक्रम में साफतौर पर कहा कि उन्होंने कभी अपने पद को गाड़ियों पर नहीं लिखा और जो लोग पद पाने की चाह में उनके होर्डिंग लगा रहे हैं वे बेकार का खर्च कर रहे हैं। देखना यह है कि पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष की सोच पर कदम से कदम चलने के लिए भाजपा के कार्यकर्ता व नेता कितना चलते हैं। पढ़िये रिपोर्ट।
भाजपा के मध्य प्रदेश के अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल ने कहा है कि उन्होंने विधायक रहते हुए या प्रदेश अध्यक्ष बनने पर कभी अपनी गाड़ी पर विधायक या प्रदेश अध्यक्ष नहीं लिखवाया। न ही कभी गाड़ी पर हूटर लगाया। इसके पीछे उन्होंने तर्क दिया कि टाइगर जंगल में होता है तो उसे कभी यह बताने की जरूरत नहीं होती कि वह टाइगर है तो फिर विधायक या प्रदेश अध्यक्ष को बोर्ड लगाकर घूमने की क्या आवश्यकता। खंडेलवाल की इस सोच के पीछे उनकी यह भावना थी कि विधायक या प्रदेश अध्यक्ष को अपना काम करना चाहिए और उसीसे उसकी पहचान बनती है। गाड़ी पर विधायक-प्रदेश अध्यक्ष लिखवा लेने या हुटर लगा लेने से अपनी पहचान नहीं बन सकती।
पद पाने के लिए होर्डिंग नहीं लगाएं
प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल ने उपरोक्त कार्यक्रम में पार्टी के ऐसे नेताओं को अपनी इस सोच को भी बता दिया कि होर्डिंग लगाकर जो उनके नजदीक आना चाह रहे हैं, वे भूल जाएं। होर्डिंग लगाकर उनके करीबी बनने को उन्होंने बेकरा का खर्च बताया। उन्होंने कहा कि इससे ऐसे नेता उनके करीब आकर पद पाने की चाह रख रहे हैं तो वह गलतफहमी में हैं। खंडेलवाल ने जन्मदिन पर बड़े होर्डिंग लगाकर बधाई देने वाले नेताओं व कार्यकर्ताओं को नसीहत भी दी कि अगर उन्हें होर्डिंग लगाकर जन्मदिन की बधाइयां देना है तो महात्मा गांधी, सरदार वल्लभ भाई पटेल, श्यामाप्रसाद मुखर्जी, दीनदयाल उपाध्याय जैसे नेताओं के लिए होर्डिंग लगाएं। उन्होंने अपने आपको बहुत छोटा व्यक्ति बताते हुए कहा कि अभी उन्होंने ऐसा कोई बड़ा काम नहीं किया है कि उनके होर्डिंग लगाकर बधाई दी जाए। प्रदेश अध्यक्ष खंडेलवाल की इस सरल-सहज सोच पर पार्टी के नेता व कार्यकर्ता कितना चलते हैं, यह समय बताएगा मगर यह तो साफ है कि खंडेलवाल को भीतर ही भीतर नेताओं के गाड़ी पर हुटर लगाकर वीवीआईपी दिखाने, विधायक व पदों की प्लेट लगाकर रुतबा दिखाने की सोच खाये जा रही थी जो मीडिया समूह के कार्यक्रम में कैमरे के सामने बाहर आ गई। यही नहीं होर्डिंग पर लगने वाले जन्मदिन, पदाधिकारी नियुक्त होने की बधाई के संदेशों से भी उनका मन दुखी था। आने वाले समय में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष खंडेलवाल की सोच के अनुरूप पार्टी नेताओं व कार्यकर्ताओं के व्यवहार की परीक्षा की घड़ी बनेगा।
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