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कमलनाथ के BJP में जाने- न जाने के घटनाक्रम से BJP ने पहचाने चेहरे, मौका आने पर ऐसे चेहरों पर सीधे होगी नजर

मध्य प्रदेश कांग्रेस में विधानसभा चुनाव में हार के बाद संगठन में बदलाव और कमलनाथ के भाजपा में जाने न जाने की चर्चाओं से कांग्रेस को नुकसान या फायदा हुआ हो या नहीं मगर भाजपा के लिए पूरा घटनाक्रम सकारात्मक रहा। कांग्रेस में कमलनाथ की साख को नुकसान हुआ तो भाजपा के लिए उन चेहरों की पहचान हो गई जो कांग्रेस को छोड़ने का सोच सकते हैं। पढ़िये रिपोर्ट।
मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद हाईकमान ने जिस तरह संगठन की बागडोर युवा नेतृत्व के हाथों में सौंपी, उससे बुजुर्ग नेताओं को अपने अस्तित्व पर संकट दिखाई दिया। हाईकमान ने धीरे-धीरे इन नेताओं को महत्वपूर्ण मसलों से दूर रखना शुरू कर दिया। नतीजा कमलनाथ जैसे नेता राजनीति में अपना स्थान बताने के लिए ऐसा दांव खेल गए जो उन्हें उलटा पड़ा और अब वे उस घटनाक्रम का सारा दोष मीडिया पर मढ़ने पर उतारू हैं। भाजपा में जाने की चर्चाओं का स्पष्ट रूप से खंडन करने के बजाय गोलमोल जवाबों से मामले को उलझाया और जब भाजपा नेताओं के विऱोधी बयान आना तेज हो गए तो कमलनाथ ने अपने भाजपा में जाने की चर्चाओं को मीडिया की कहानी बता दिया। बहरहाल, अब तक जो भी हुआ, वह कमलनाथ-कांग्रेस-भाजपा के लिए कितना नुकसानदेह-फायदेमंद रहा, यह आने वाला समय बताएगा।
घटनाक्रम के दौरान कांग्रेस नेताओं ने पत्ते खोल दिए
कमलनाथ के भाजपा में जाने के घटनाक्रम में कई समर्थकों ने अपने पत्ते खोल दिए जिनमें पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा, सुखदेव पांसे, दीपक सक्सेना जैसे दिग्गज नेता के नाम प्रमुख रहे। कमलनाथ के भाजपा में जाने की चर्चाएं फिलहाल भले ही थम गईं हैं लेकिन भाजपा नेताओं के चेहरे पर खुशी के भाव नजर आते हैं। भाजपा के ऑपरेशन लोट्स में पार्टी में दूसरे दलों के बड़े नेताओं व उनके समर्थकों के लाने के लिए जो मशक्कत की जाती है, वह कमलनाथ के घटनाक्रम ने बेहद आसान कर दिया है। इसमें कई चेहरे सामने आ गए हैं जिनको भाजपा सीधे थोड़े से प्रयास में अपने साथ कर सकती है। यानी कमलनाथ के भाजपा में जाने के घटनाक्रम ने कांग्रेस के लिए आने वाले समय में छोटे-बड़े झटके देने का रास्ता खोल दिया है। लोकसभा चुनाव के दौरान दलबदल करने वालों में इस घटनाक्रम से नेताओं की संख्या अच्छी खासी होने की संभावनाएं बन गई हैं।
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