-
दुनिया
-
बागेश्वर सरकार की ज़िंदगी पर शोध करने पहुची न्यूजीलैंड के विश्वविद्यालय की टीम
-
Rahul Gandhi ने सीजफायर को BJP-RSS की सरेंडर की परंपरा बताया, कहा Modi करते हैं Trump की जी हुजूरी
-
ऑपरेशन सिंदूर ने बताया आतंकवादियों का छद्म युद्ध, प्रॉक्सी वॉर नहीं चलेगा, गोली चलाई जाएगी तो गोले चलाकर देंगे जवाब
-
मुंबई-दिल्ली एक्सप्रेस-वे पर कामलीला, नेताजी की महिला शिक्षक मित्र संग आशिकी का वीडियो वायरल
-
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा आंबेडकर संविधान जलाना चाहते थे, मनुस्मृति को तो गंगाधर सहस्त्रबुद्धे ने जलाया
-
MP BJP की सरकार-सत्ता भोपाल से दिल्ली तक एकसाथ, जोड़ी में दिल्ली में पहुंचे

मध्य प्रदेश में कुछ महीनों से सत्ता और संगठन के बीच जिस अंतर का अहसास कुछ घटनाक्रमों से नजर आ रहा था, लगता है कि वह विधायक हेमंत खंडेलवाल के प्रदेश बीजेपी की कमान संभालने के बाद दूर होता दिखाई दे रहा है। भोपाल में जिस गर्मीजोशी के साथ खंडेलवाल-मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की जोड़ी नजर आ थी वही जोश का दिल्ली में उनके साथ-साथ वरिष्ठ नेताओं के साथ मुलाकातों में अहसास हुआ है। पढ़िये भाजपा के मध्य प्रदेश में सत्ता-संगठन की जुगलबंदी पर रिपोर्ट।
देश के दिल में स्थित मध्य प्रदेश में भाजपा करीब दो दशक से ज्यादा समय से सरकार में है और तब से यहां सत्ता व संगठन की जोड़ी के बीच समन्वय से पार्टी को लाभ मिलता रहा है। मगर 2023 में भाजपा के फिर सरकार बनाने और मुख्यमंत्री का नया चेहरा डॉ. मोहन यादव के आने के बाद संगठन और सत्ता के बीच कुछ दूरी का आभास हो रहा था। इसकी एक वजह संगठन चुनाव में देरी भी सामने आई और इसके कारण पार्टी विथ डिफरेंस के सूत्र वाक्य पर चलने वाली भाजपा के मध्य प्रदेश के नेताओं की कुछ गतिविधियों से पार्टी की छवि धूमिल हुई है। मंदसौर के मनोहर लाल धाकड़ के घटनाक्रम से पार्टी को मालवा में ही नहीं प्रदेश भर में नुकसान पहुंचा तो कुछ नेताओं ने पार्टी के फैसलों पर सवाल भी उठाए जिसको लेकर संगठन ने उन्हें जबाव तलब भी किया था। इन सब घटनाक्रमों में सरकार व संगठन के बीच समन्वय की कमी दिखाई देती रही थी। मगर पिछले सप्ताह संगठन चुनाव में बैतूल जिले के पार्टी के समर्पित खंडेलवाल परिवार के सदस्य हेमंत खंडेलवाल को संगठन की कमान सौंपे जाने के बाद अब सत्ता व संगठन के बीच तालमेल एकदम साफ दिखाई देना लगा है।
तीन तस्वीरों में दिखी तालमेल की झलक
खंडेलवाल के भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद ही मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के चेहरे के हाव-भाव से सत्ता व संगठन के बीच समन्वय का भविष्य दिखाई देने लगा। मुख्यमंत्री न केवल भोपाल में उनके प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद बेहद प्रसन्न दिखाई दिए बल्कि दिल्ली में उन्होंने अपनी जोड़ी को चर्चा में ला दिया है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से लेकर केंद्रीय मंत्री अमित शाह, राजनाथ सिंह, अर्जुन मेघवाल, प्रहलाद जोशी, डॉ. एल मुरूगन और जी किशन रेड्डी से मध्य प्रदेश की यह नई जोड़ी मिली। इस जोड़ी में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आगे रहकर खंडेलवाल को सभी नेताओं से मिलवाया। गौरतलब है कि जब-जब सत्ता और संगठन के बीच समन्वय बनाकर भाजपा ने काम किया है तब तब सरकार खूब अच्छे ढंग से चली है। संगठन ने सरकार के कामों को जनता के बीच प्रचारित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी और इसका लाभ मुख्यमंत्री को पूरा मिला। 2003 में जब भाजपा सरकार में आई थी तो कैलाश जोशी अध्यक्ष थे और बाद में नरेंद्र सिंह तोमर, प्रभात झा, नंदकुमार सिंह चौहान, राकेश सिंह और वीडी शर्मा संगठन के मुखिया हुए। शिवराज सिंह चौहान के साथ उपरोक्त सभी प्रदेश अध्यक्षों ने काम किया और सब के बीच समन्वय ऐसा रहा कि शिवराज सिंह चौहान को शिवराज मामा नाम दिलाने में संगठन ने विशेष भूमिका निभाई। अब डॉ. यादव और खंडेलवाल की जोड़ी इस लाइन को और कितना आगे ले जाती है, यह समय ही बताएगा। मगर दिल्ली की तस्वीरों ने भाजपा के लिए सकारात्मक संकेत अवश्य दिए हैं।
Posted in: bhopal, bhopal news, desh, Uncategorized, अन्य, आपकी आवाज, हमारी कलम, देश, मध्य प्रदेश, मेरा मध्य प्रदेश, राज्य
Tags: bhopal, bhopal hindi news, bhopal khabar, bhopal khabar samachar, india, madhya pradesh, madhya pradesh . india, politics
Leave a Reply