-
दुनिया
-
बागेश्वर सरकार की ज़िंदगी पर शोध करने पहुची न्यूजीलैंड के विश्वविद्यालय की टीम
-
Rahul Gandhi ने सीजफायर को BJP-RSS की सरेंडर की परंपरा बताया, कहा Modi करते हैं Trump की जी हुजूरी
-
ऑपरेशन सिंदूर ने बताया आतंकवादियों का छद्म युद्ध, प्रॉक्सी वॉर नहीं चलेगा, गोली चलाई जाएगी तो गोले चलाकर देंगे जवाब
-
मुंबई-दिल्ली एक्सप्रेस-वे पर कामलीला, नेताजी की महिला शिक्षक मित्र संग आशिकी का वीडियो वायरल
-
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा आंबेडकर संविधान जलाना चाहते थे, मनुस्मृति को तो गंगाधर सहस्त्रबुद्धे ने जलाया
-
कांग्रेस के लिए भोपाल उत्तर सीट उलझती जा रही, 1993 का इतिहास दोहराया जाएगा

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल की भोपाल उत्तर की विधानसभा सीट पर अकील परिवार की वजह से कांग्रेस के लिए यहां उलझनें बढ़ रही हैं। बाबरी मस्जिद ढांचे के ढहाये जाने के बाद के सांप्रदायिक दंगों से आहत हुए लोगों ने 1993 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के विरुद्ध वोट देकर भाजपा को जिताया था और इस चुनाव में भी वैसे ही हालात बनते दिखाई दे रहे हैं। पढ़िये रिपोर्ट।
भोपाल की मुस्लिम बहुल इलाके की भोपाल उत्तर विधानसभा सीट पर 1977 से लेकर अब तक केवल एक बार ही हिंदू नेता विधायक बन सका है। 1977 में यहां हमीद कुरेशी चुनाव जीते थे तो इसके बाद रसूल अहमद सिद्दीकी ने जीत हासिल की। 1990 में आरिफ अकील पहली बार निर्दलीय विधायक बने लेकिन दंगे के बाद उन्हें भाजपा के रमेश गुट्टू शर्मा ने हरा दिया था। मगर इसके बाद से लगाार अकील यहां का कांग्रेस की ओर से प्रतिनिधित्व करते आ रहे हैं। यानी 46 साल के इतिहास में केवल एक बार भोपाल उत्तर की 49 फीसदी वोटर की आबादी को हिंदू नेता विधायक मिला है।
कांग्रेस ने मुस्लिम नेता को ही टिकट दिया
51 फीसदी मुस्लिम वोट की आबादी की वजह से कांग्रेस यहां मुस्लिम नेता को प्रत्याशी बनाकर उतारती रही है। इस बार अकील के स्वास्थ्य कारणों से चुनाव नहीं लड़ने पर उनके बेटे आतिफ को टिकट दिए जाने से मुस्लिम वोटर के सामने उलझन की स्थिति बनती जा रही है। मगर आतिफ के चाचा आमिर अभी भी चुनाव लड़ने की जिद्द पर अड़े हैं। वहीं, कांग्रेस से भोपाल उत्तर से दावेदारी कर रहे नासिर इस्लाम टिकट नहीं मिलने के बाद निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर रहे हैं। यहां पहले से ही आम आदमी पार्टी ने निर्दलीय पूर्व पार्षद मोहम्मद सऊद को चुनाव लड़ने के लिए उतार दिया है। इन सब में नासिर इस्लाम का पलड़ा भारी नजर आता है और ऐसै में मुस्लिम वोट को बंटने से किसी मुस्लिम धार्मिक नेता ने हस्तक्षेप नहीं किया तो भाजपा के आलोक शर्मा की जीत की संभावना है। अगर मुस्लिम वोट को सबसे ज्यादा जनाधार वाले नेता को वोट करने के लिए हस्तक्षेप किया गया तो भाजपा के आलोक शर्मा के साथ 2008 का इतिहास दोहराया गया और वे दूसरी बार चुनाव में हार का सामना करेंगे।
आंकड़ों में भोपाल उत्तर सीट पर नजर डालेंः
कुल मतदाताः 2.39 लाख
महिला मतदाताः 1.18 लाख
पुरुष मतदाताः 1.20 लाख
मुस्लिम वोटरः करीब 51 फीसदी
हिंदू मतदाताः 49 प्रतिशत
Leave a Reply