मध्य प्रदेश कांग्रेस के दो राजनीतिक धुरंधर कमलनाथ और सुरेश पचौरी की दिल्ली में राजनीति जिस कामयाबी के शिखर पर थी, वह मध्य प्रदेश में आने के बाद भंवर में फंस गई। पचौरी जहां अब बैठकों में एकतरफ कुर्सी में बैठे नजर आते हैं तो कमलनाथ इंदिरा गांधी के तीसरे पुत्र कहलाने के बाद भी मध्य प्रदेश राजनीति में छह साल में भंवर में फंस चुके हैं। पढ़िये रिपोर्ट।
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