अहमदाबाद अधिवेशन के पहले MP में AICC प्रतिनिधि पर कांग्रेस में बवाल, राहुल टीम की मीनाक्षी भी ऐसे हुईं नाराज

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी का अहमदाबाद में अधिवेशन होने जा रहा है जिसके लिए मध्य प्रदेश में 11 रिक्त पदों पर एआईसीसी डेलीगेट्स को बनाने की कवायद से बवाल मच गया है। इस बवाल में राहुल गांधी की टीम की कही जाने वाली पूर्व सांसद व तेलंगाना प्रभारी मीनाक्षी नटराजन के कूद जाने से यह बवाल दिल्ली तक पहुंच गया है। आखिर प्रदेश कांग्रेस की ऐसी कौन सी गलती जीतू पटवारी के विरोधियों के हाथ लग गई जिससे मामला हाईकमान तक पहुंच गया है। माना जा रहा है कि मीनाक्षी नटराजन को उनके क्षेत्र में कमजोर करने के लिए उनके विरोधियों की इस चाल से वे बौखला गई हैं। जानिये हमारी इस विशेष रिपोर्ट में।

अहमदाबाद में कांग्रेस का आठ और नौ अप्रैल को अधिवेशन होने जा रहा है जिसके लिए देशभर से एआईसीसी प्रतिनिधि पहुंच रहे हैं। मध्य प्रदेश कांग्रेस में अब तक 11 एआईसीसी डेलीगेट्स के पद रिक्त पड़े थे जिनके बारे में पिछले दिनों प्रदेश नेतृत्व ने सुध ली। ये सभी पद तीन नेताओं के दिवंगत हो जाने तथा आठ नेताओं के पार्टी छोड़ देने की वजह से खाली हुए थे। ऐसा नहीं है कि यह पद आजकल में रिक्त हुए हों, मगर प्रदेश कांग्रेस का इस तरफ ध्यान नहीं गया। अब जब अहमदाबाद में एआईसीसी के अधिवेशन में मध्य प्रदेश के एआईसीसी प्रतिनिधियों की जानकारी तलब की गई तब ताबड़तोड़ ढंग से प्रदेश नेतृत्व ने नाम तलाशे और प्रस्ताव तैयार किया। जिन नामों का प्रस्ताव तैयार किया गया, उनमें उमंग सिंघार, विधायक आतिफ अकील, आरके दोगने, पंकज उपाध्याय, कुणाल चौधरी, संजय कामले, गुरूशरण खरे, दिनेश जैन, अश्विनी जोशी, जय हार्डिया और गौरव रघुवंशी के नाम शामिल हैं।
संगठन प्रभारी के बजाय प्रदेश प्रभारी को भेजा प्रस्ताव
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के डेलीगेट्स बनाने के लिए जो प्रस्ताव राज्य इकाई से एआईसीसी संगठन प्रभारी को भेजा जाना चाहिए था, वह प्रदेश प्रभारी को भेज दिया गया। इसका खुलासा डेलीगेट्स बनाए जाने के प्रस्ताव के वायरल होने पर हुआ। प्रस्ताव मध्य प्रदेश कांग्रेस के संगठन प्रभारी ने नहीं बल्कि प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी को भेजा। जानकारों बताते हैं कि जिस तरह एआईसीसी डेलीगेट्स के चुनाव होते हैं, उसी तरह रिक्त पदों पर भी डेलीगेट्स की नियुक्ति प्रक्रिया अपनाई जाती है। इस तरह प्रदेश प्रभारी के बजाय प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से प्रस्ताव एआईसीसी संगठन प्रभारी वेणुगोपाल को यह प्रस्ताव भेजा जाना था।
मीनाक्षी नटराजन की आपत्ति से बवाल
बात एआईसीसी डेलीगेट्स के रिक्त पदों पर नियुक्ति की थी तो प्रदेश के अन्य नेताओं की भी इसमें रूचि होती है मगर जब उनके विरोधियों को जगह दे दी गई तो बवाल तो होना ही था। पूर्व सांसद और राहुल गांधी की टीम की सदस्य मानी जाने वाली मीनाक्षी नटराजन ने संभवतः पहली बार सोशल मीडिया प्लेटफार्म में ऐसी पोस्ट अपलोड की जिसको लेकर उनके द्वारा उठाए सवालों का लोगों ने समर्थन तो किया मगर तरीके पर भी सवाल उठाए। मीनाक्षी नटराजन ने अपने पूर्व समर्थक गौरव रघुवंशी को एआईसीसी डेलीगेट्स बनाए जाने पर घोर आपत्ति जताई है। मीनाक्षी नटराजन ने उनकी काबिलियत पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं और लिखा है कि उनसे ज्यादा काबिल लोग नीमच कांग्रेस में हैं जिन्हें यह अवसर दिया जाना था।
पटवारी के निकट लोगों को फिर मौका
एआईसीसी प्रतिनिधि बनाए जाने के इस मौके पर एकबार फिर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी पर सभी लोगों को साथ लेकर नहीं चलने के आरोप लगने शुरू हो गए हैं। कहा जा रहा है कि 11 एआईसीसी डेलीगेट्स इस प्रस्ताव में उनके समर्थकों कुणाल चौधरी, संजय कामले, गौरव रघुवंशी, आरके दोगने प्रमुख रूप से शामिल हैं। यही नहीं सूची में रिक्त पदों में दो आदिवासी नेताओं के स्थान पर प्रस्तावित एआईसीसी डेलीगेट्स में केवल एक नेता उमंग सिंघार के नाम को लेकर पीसीसी की सोच पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। उमंग सिंघार का नाम भी पीसीसी को नेता प्रतिपक्ष होने की वजह से मजबूरी में शामिल करना पड़ा, अन्यथा उनका नाम भी नहीं होता। इस तरह अहमदाबाद के कांग्रेस अधिवेशन में शामिल होने वाले मध्य प्रदेश के 11 नेताओं की पीसीसी की सूची से एकबार फिर जीतू पवटारी के विरोधियों को उनके खिलाफ बोलने का मौका मिल गया है।

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