Ex आरक्षक सौरभ शर्मा के बाद करोड़पति Ex दैनिक वेतनभोगी, EOW के सर्च में मिली तीन करोड़ की संपत्ति

सोने की ईंटों व करोड़ों की संपत्ति का कथित तौर पर मालिक पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के बाद अब नगर पालिका का एक करोड़पति पूर्व दैनिक वेतनभोगी निकला है। मंडला जिले के इस दैनिक वेतनभोगी के यहां न केवल आलीशान कारें बल्कि बेशकीमती घरेलू सामान भी मिला है। यह सब उजागर हुआ है उसके यहां आर्थिक अपराध अन्वेषण प्रकोष्ठ यानी ईओडब्ल्यू के सर्च में है। जानिये आखिर कौन है पूर्व दैनिक वेतनभोगी और निचले पदों के सरकारी कर्मचारियों के करोड़ों कमाने के पीछे क्या हो सकते हैं कारण।

मंडला जिले में बिछिया नगर पालिका का एक पूर्व दैनिक वेतनभोगी शिवकुमार झारिया है जिसके यहां ईओडब्ल्यू ने शनिवार को सर्च किया है। झारिया की संपत्ति करीब तीन करोड़ पांच लाख रूपए से ज्यादा की आंकी गई है जो उसके वेतन से करीब 1200 गुना ज्यादा है। उसके खिलाफ आर्थिक अनियमितताओं की शिकायत के आधार पर यह कार्रवाई की गई जिसमें उसके द्वारा एक ट्रेवल्स कंपनी का संचालन करने का रिकॉर्ड मिला है। उसकी ट्रेवल्स कंपनी में केवल बड़ी और आलीशान कारें ही किराये पर दी जाती हैं। वह ट्रेवल्स कंपनी का डायरेक्टर है और उसकी कंपनी की दिल्ली में इनोवा, क्रेटा जैसी चार कारों का संचालन किया जा रहा है। उनकी कीमत एक करोड़ पांच लाख से ज्यादा बताई जा रही है। यही नहीं उसके नाम की एक कार 45 लाख से ज्यादा कीमत की है। इस तरह पूर्व दैनिक वेतनभागी कर्मचारी के पास एक करोड़ 50 लाख रूपए से ज्यादा की कारें हैं।
तीन करोड़ पांच लाख की संपत्ति
ईओडब्ल्यू की कार्रवाई में शिवकुमार झारिया की करीब तीन करोड़ पांच लाख से ज्यादा की संपत्ति निकली है। जिसमें डेढ़ करोड़ की कारों के अलावा एक मकान, चार प्लाट, 29 लाख की बीमा पॉलिसी, पांच लाख की एफडी, 32 लाख से ज्यादा का घरेलू सामान, ज्वेलरी व नकद राशि शामिल है।
यही वह शख्स है जो गबन भी कर चुका
शिवकुमार के खिलाफ करीब नौ महीने पहले नगर परिषद भुआ के सीएमओ की शिकायत पर 37 लाख के गबन का भी मामला दर्ज हुआ था। उसने एक अन्य कर्मचारी के साथ मिलकर कर्मचारियों के ईपीएफ, एरियर और बिलों के भुगतान की राशि को अपने खातों में क्रेडिट कर दिया था। यहां उल्लेखनीय है कि शिवकुमार के पास मनरेगा का काम भी था जिसमें अनियमितताओं की आशंका जताई जा रही है और इसी तरह केशियर के तौर पर भी वह काम करता था तो नगर पालिका व नगर परिषद के खजाने का भी वह दुरुपयोग करता हो जिसकी जांच ईओडब्ल्यू के मामले में होने की संभावना है। सौरभ शर्मा की तरह शिवकुमार झारिया के करोड़पति निकलने का यह मामला सौरभ शर्मा से बहुत अलग है मगर दोनों ही पूर्व सरकारी कर्मचारियों के ऐसे अवैध रूप से कमाने के तरीकों से विभागों की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े होते हैं। ऐसे कर्मचारियों को संरक्षण के बिना सरकारी सेवा में टिके रहने की बहुत कम संभावना है तो उन लोगों तक पहुंचने की भी जरूरत है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Khabar News | MP Breaking News | MP Khel Samachar | Latest News in Hindi Bhopal | Bhopal News In Hindi | Bhopal News Headlines | Bhopal Breaking News | Bhopal Khel Samachar | MP News Today