नवाचार करने वाली सहकारी समितियों का बनेगा फेडरेशन: सारंग

सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग ने कहा है कि सहकारिता में नवाचार करने वाली समितियों का प्रदेश स्तर पर फेडरेशन बनाया जाएगा। फेडरेशन के माध्यम से उनके उत्पाद के विक्रय की संपूर्ण व्यवस्था की जाएगी। मंत्री सारंग नवाचार के अंतर्गत जिला नोडल अधिकारियों का तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित किया। इस मौके पर उन्होंने सहकारिता के उत्पादों की प्रदर्शनी का शुभारंभ किया।

सारंग ने कहा कि सहकारी समितियो का प्रदेश स्तर पर कॉम्पिटीशन होगा। इसके लिए प्रथम, द्वितीय और तृतीय श्रेणी के पुरस्कार भी वितरित किए जाएंगे। हर साल इसका आयोजन करने के निर्देश उन्होंने संबंधित अधिकारियों को दिए। उन्होंने कहा कि इससे अग्रणी रहने के लिए खेलभावना से आगे रहने की आदत होगी। मंत्री सारंग ने कहा कि राज्य सहकारी संघ के माध्यम से प्रदेश स्तर पर हेल्प डेस्क भी बनाई जा रही है जो तकनीकी ज्ञान के साथ विक्रय में सहायता आदि प्रदान करेगी।
सहकारी संस्था के माध्यम से रोजगार
मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और केन्द्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह के विजन एवं आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को पूर्ण करने की दिशा में मुख्यमंत्री के नेतृत्व में सहकारिता में विभिन्न नवाचार किया जा रहे हैं। हर क्षेत्र में सहकारी आंदोलन को मजबूत करते हुए सहकारिता से स्वावलंबी बनाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। हर क्षेत्र की खूबी को रोजगार में बदलने का प्रयास होगा। सरकारी आंदोलन को मजबूत करके सहकारी संस्था के माध्यम से रोजगार मिल सके, इसका प्रयास जारी है।
हर स्तर पर होगा काम
मंत्री सारंग ने कहा कि सहकारिता से समृद्धि हमारा संकल्प है। निश्चित रूप से देश में जो सहकारी आंदोलन चल रहा है, उसमें मध्य प्रदेश अव्वल रहे, इसके लिए हम कृत संकल्पित हैं। नवाचार विंग स्थापित कर हर जिले में उसके उत्पाद की विशेषता के साथ सहकारिता समिति बना रहे हैं। सुनिश्चित किया जा रहा है कि उन्हें नवाचार के माध्यम से हर तरह का सहयोग मिल सके। उन्होंने कहा कि वित्तीय अनुदान हो या टेक्निकल नॉलेज या फिर उत्पाद बेचने के लिए चयन स्थल स्थापित करने की बात हो, हर स्तर पर काम कर रहे हैं।
प्रदर्शनी का शुभारंभ कर किया अवलोकन
सारंग ने सहकारी समितियों के उत्पाद की प्रदर्शनी का शुभारंभ कर अवलोकन किया। उन्होंने चर्चा कर उत्पादों के बनाने से लेकर विक्रय तक की जानकारी ली। श्री सारंग ने प्रदर्शनी में उज्जैन के बटिक प्रिन्ट, झाबुआ के कड़कनाथ, मुरैना की शिल्पकला, खरगोन के यूनिक ऑर्ट और सोलर पॉवर, खण्डवा के प्याज उत्पादन, धार के बाग वस्त्र, मण्डला की कोदो-कुटकी उत्पाद, छिंदवाड़ा का गुलाल सहित प्रशिक्षित हस्तशिल्प कारीगरों द्वारा निर्मित हस्तशिल्प उत्पादों की प्रदर्शनी सह बिक्री का अवलोकन किया और उत्पादों की सरहाना की।
मंत्री ने बताया कि प्रदेश के विभिन्न जिलों में वहां की व्यवस्था और विशेषता को ध्यान में रखते हुए एक जिला एक उत्पाद को बढ़ावा देने के लिए नई सहकारी समितियों का गठन किया गया है। आमजन तक उत्पादों की जानकारी हो, इसके लिए समिति द्वारा बनाए गए उत्पादों की प्रदर्शनी भी लगाई गई। जिलों में बनाए गए नोडल अधिकारियों का प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया गया।
सारंग ने कहा कि चार-पांच माह में जो काम किया गया, उसकी प्रदर्शनी देखने को मिली। झाबुआ में कड़कनाथ प्रजाति के मुर्गी की आज देश में ख्याति है। सहकारिता के माध्यम से कड़कनाथ पर काम करने वाले लोगों को एकत्रित करके सहकारी संस्था बनवाई और अब इसका एक-एक सदस्य लगभग ढा़ई लाख रुपये सालाना कमा रहा है। उन्होंने कहा कि बाग प्रिंट हो या कृषि उत्पादन या फिर प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना को भी सरकारी आंदोलन से जोड़ने का काम किया जा रहा है। समिति इस पर काम कर रही है। सोसाइटी सोलर लाइट का उत्पादन भी कर रही है, साथ ही मैन्युफैक्चर से सुलभ लाइट लेकर पंचायत स्तर पर भी योजना को पहुंचाने का काम कर रही है।
योजना का सीधा लाभ हितग्राहियों को
मंत्री ने कहा कि समिति के उत्पाद आम जनता तक पहुंचे, इस दिशा में काम किया जा रहा है। मंत्री श्री सारंग ने प्रतिभागियों से कहा कि कार्यशाला का उद्देश्य उत्पाद को बनाने से लेकर विक्रय तक की प्रक्रिया की जानकारी आप तक पहुंचाना था। उन्होंने कहा कि यह प्रशिक्षण रस्मअदायगी नहीं रह जाए, इसके लिए अगली बार टेस्ट भी होगा, जिससे उसका आउटपुट मिले। लोग यहां खुद से सीख कर दूसरों को भी सिखाए। केंद्र और राज्य की योजना का सीधा-सीधा लाभ हितग्राहियों तक पहुंचे, यही उद्देश्य है।
मन, मस्तिष्क, भाव और भावनाओं के साथ करें काम

सारंग ने कहा कि आपको कुछ नया नहीं करना है, पर हर काम को नए ढंग से करके आगे बढ़ाना है। उन्होंने कहा कि मन, मस्तिष्क, भाव और भावनाओं के साथ काम करें। प्रोडक्ट बनाने से लेकर विक्रय तक की भूमिका महत्वपूर्ण है। विक्रय के लिए ऐसी जगह का चयन किया जाए जहां लोग पहुंचे हो। अगली बार के प्रशिक्षण में ऑफिस ऑपरेशन सिस्टम के ट्रेनिंग सेशन को भी जोड़ने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि समिति के रजिस्ट्रेशन से लेकर अर्हता, समन्वय, पत्राचार आदि पर भी जानकारी देना उचित होगा। उन्होंने कहा कि यह मेरा सपना है कि सहकारिता बड़ा उपक्रम बने। प्रदेश के बच्चों को रोजगार मिल सके। इसलिए प्रशिक्षण में जो सीखा है उसको समाज को दें जिससे आपको लोग याद रखें।
उल्लेखनीय है कि सहकारिता विभाग द्वारा नवाचार के तहत प्रदेश के सभी 52 जिलों में नोडल अधिकारियों के रूप में (अंकेक्षण अधिकारी/वरिष्ठ सहकारी निरीक्षक/सहकारी निरीक्षक/ उप अंकेक्षक) की नियुक्ति की गई है। फरवरी 2024 में सभी 52 जिलों के नोडल अधिकारियों की एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया था। आज की कार्यशाला में 52 जिलों से 47 नोडल अधिकारियों ने भाग लिया। प्रत्येक जिले से नवाचार में चिन्हित नोडल अधिकारी को नवाचार के तहत गठित सहकारी संस्थाओं को तकनीकी ज्ञान, प्रबंधकीय कौशल एवं पोषण करने में सक्षम करने के लिये इस कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यशाला में वित्तीय सहायता प्राप्त करने की प्रक्रियाओं, स्टार्टअप संबंधी प्रक्रिया, उद्यानिकी खाद्य एवं प्रसंस्करण की विभिन्न नवाचार योजनाओं, सौर ऊर्जा एवं सोलर पैनल के व्यावसायिक उपयोग, प्रियदर्शनी स्टोर्स पर नवाचार उत्पादों के विक्रय, उत्पादों की प्रदर्शनी आदि पर सेशन आयोजित किए गए।
सारंग ने कार्यशाला में प्रतिभागियों से कार्यशाला के संबंध में फीडबेक लिया। उन्हें प्रमाण-पत्र वितरित किये। इस मौके पर अपेक्स बैंक के महा प्रबंधक श्री मनोज गुप्ता, उप सचिव श्री मनोज सिन्हा, राज्य सहकारी संघ के महा प्रबंधक श्री संजय सिंह सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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