जय आदिवासी युवा शक्ति जयस ने आदिवासियों और ग्रामीणों के बच्चों के स्कूलों में प्रवेश नहीं ले पाने के लिए आधार, समग्र ओटीपी, केवायसी को बाधक बताया है। आदिवासी-ग्रामीण आबादी के गांव में नेटवर्क नहीं होने से आदिवासी-ग्रामीण बच्चे स्कूल में समग्र ओटीपी-केवायसी और आधार की वजह से प्रवेश नहीं ले पा रहे हैं। पढ़िये रिपोर्ट।
जय आदिवासी युवा शक्ति जयस ने आदिवासियों और ग्रामीणों के बच्चों के स्कूलों में प्रवेश नहीं ले पाने के लिए आधार, समग्र ओटीपी, केवायसी को बाधक बताया है। आदिवासी-ग्रामीण आबादी के गांव में नेटवर्क नहीं होने से आदिवासी-ग्रामीण बच्चे स्कूल में समग्र ओटीपी-केवायसी और आधार की वजह से प्रवेश नहीं ले पा रहे हैं। पढ़िये रिपोर्ट।
जयस के प्रदेश अध्यक्ष इंद्रपाल मरकाम ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को पत्र लिखकर इस समस्या से अवगत कराया है। उन्होंने पत्र में लिखा है कि विद्यालयों में दाखिले के लिए आधार,समग्र ओटीपी एवं केवाईसी अनिवार्य है मगर हर वर्ष की तरह इस साल भी प्रदेश में बहुत से बच्चे स्कूलों में दाखिला नहीं ले पा रहे हैं। इसकी वजह है कि आदिवासी और ग्रामीण आबादी वाले गांव में इंटरनेट का नेटवर्क नहीं होता है और कई बच्चों के अभिभावकों के पास तो मोबाइल फोन तक नहीं होता है। ऐसे में उनके लिए दाखिला लेना बहुत कठिन और चुनौतीपूर्ण होता है। जबकि शिक्षा हर बच्चे का मौलिक अधिकार है और शिक्षा प्राप्त करने के लिए शुरूआत मे ही इतनी कठिन और चुनौतीपूर्ण प्रक्रिया होना व्यवस्था और नीतियों पर सवाल खडा करता है।
शिक्षा के मौलिक अधिकार को हासिल करने के लिए कठिन और चुनौतीपूर्ण प्रक्रिया न्याय संगत नही है। उन्होंने सीएम यादव से मांग की है कि विद्यालयों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों में दाखिले के लिए आधार, समग्र ओटीपी और केवाईसी की बाध्यता को खत्म करने की कार्यवाही सुनिश्चित करें। साथ ही दाखिले की प्रक्रिया को सरल सुगम बनाए जाए जिससे ताकि संसाधनविहीन क्षेत्र और विद्यार्थी भी विद्यालयों मे प्रवेश कर शिक्षा हासिल कर सकें।
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