व्यापमं घोटाले के बाद फिर पुलिस आरक्षक भर्ती फर्जीवाड़ा, नौ जिलों में निकले मुन्ना भाई

एक दशक बाद व्यापमं घोटाले की तर्ज पर ही एकबार फिर पुलिस आरक्षक भर्ती फर्जीवाड़ा सामने आया है जिसमें नौ जिलों में मुन्ना भाइयों ने दूसरे लोगों के नाम पर परीक्षाएं दीं। पूरे मामले का खुलासा होने के बाद अब तक 22 ऐसे मुन्ना भाइयों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है। पढ़िये रिपोर्ट।

मध्य प्रदेश में व्यावसायिक परीक्षा मंडल यानि व्यापमं में करीब 12 साल पहले घोटाला सामने आया था जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री से लेकर तत्कालीन सरकार के मंत्री व विधायक-प्रशासनिक व पुलिस अफसरों सहित कई प्रभावी लोगों के नाम सामने आए थे। इसके बाद जांच सीबीआई को सौंपी गई तो परत दर परत खुलती गईं मगर अदालत में जिस तरह घोटाले का पिछले दिनों हर्ष हुआ है, वह पुलिस-सीबीआई की विवेचना पर सवाल खड़े करता है। अब उसी तर्ज पर व्यापमं के दूसरे रूप कर्मचारी चयन मंडल की पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी सामने आई है जिसमें अब तक कोई प्रभावी नाम सामने नहीं आया है मगर फर्जीवाड़ा व्यापमं घोटाले से कम दिखाई नहीं दे रहा है।
नौ जिलों में फर्जीवाड़ा
व्यापमं घोटाले की तरह मध्य प्रदेश राज्य कर्मचारी चयन मंडल द्वारा पुलिस आरक्षकों की भर्ती के लिए परीक्षा का आयोजन किया गया था मगर व्यापमं का नाम बदलकर उसे कर्मचारी चयन मंडल नाम दे देने से उसकी कार्यप्रणाली में कोई बदलाव नहीं दिखाई दिया। व्यापमं ने जिस तरह पीईटी, पीएमटी, नर्सिंग सहित पुलिस, वन व स्वास्थ्य विभाग से जुड़ी नौकरियों की परीक्षाओं का कर्मचारी चयन मंडल ने आयोजन किया। अब पुलिस आरक्षकों की 2023 लिखित ऑनलाइन परीक्षामें गड़बड़ी करने का मामला सामने आया है जिसमें नौ जिलों में मंडल की कथित सांठगांठ से नौ जिलों के पुलिस आरक्षकों की परीक्षा में आवेदन से हटकर दूसरे लोगों द्वारा परीक्षा देते हए पकड़े जाने की जानकारी सही पाई गई। इसमें जिन लोगों के आवेदन भरे गए थे, उनके स्थान पर दूसरे लोगों ने परीक्षाएं दीं। इसका खुलासा होने के बाद मध्य प्रदेश की मोहन सरकार घिरती नजर आ रही है क्योंकि बंगलुरू के निजामुद्दीन नगर के स्टेशन पर ऐसे लोग पुलिस को मिले जिनके पास सुबह के सामने मोटी राशि के बिजली के बिल थे और उन्हें सुधरवाने वाले थे। शिवराज सिंह चौहान ने भी विदिशा सहित अन्य जिलों में बारिश के बाद डॉगी के कपड़ों और अन्य सामान मौसम को लेकर लोगों को सतर्क रहने की चेतावनी है।
फर्जीवाड़ा कर परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों पर 21 केस
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के निर्देशानुसार भर्ती प्रक्रिया में अनियमितता करने वाले अभ्यर्थियों पर सख्‍त कार्रवाही की जा रही है। इसी तारतम्‍य में पुलिस मुख्यालय के पुराने कॉन्फ्रेंस हॉल में आयोजित प्रेस वार्ता में पुलिस महानिरीक्षक कानून व्यवस्था अंशुमान सिंह के मुताबिक मध्यप्रदेश पुलिस आरक्षक जीडी तथा रेडियो में रिक्त पदों की पूर्ति के लिए वर्ष 2023 में Online लिखित परीक्षा मध्यप्रदेश कर्मचारी चयन मण्डल द्वारा आयोजित की गई थी, जिसमें 6,52,057 उम्मीदवारों ने भाग लिया था। प्रक्रिया के द्वितीय चरण में लिखित परीक्षा में सफल उम्मीदवार 55,220 अभ्यर्थियों की शारीरिक दक्षता परीक्षा चयन शाखा, मध्यप्रदेश पुलिस द्वारा 16 अक्टूबर से 20 नवम्बर के मध्य आयोजित की थी। संपूर्ण प्रक्रिया के उपरांत कुल 6423 अभ्यर्थी जिसमें से 5090 पुरूष एवं 1333 महिला थीं, का चयन किया गया था। द्वितीय चरण के शारीरिक दक्षता परीक्षा के दौरान नवम्बर 2024 में परीक्षा केन्द्र मुरैना में 5 अभ्यर्थियों द्वारा अपने स्थान पर किसी अन्य व्यक्तियों को परीक्षा में शामिल होने हेतु भेजा गया, जिन्हें संदिग्ध पाते हुए, परीक्षा में शामिल न कर उक्त उम्मीदवारों पर प्रकरण पंजीबद्ध किया जाकर विधिसम्मत कार्यवाही की गई थी। इसके आधार पर पुलिस मुख्यालय भोपाल द्वारा अंतिम परिणाम जारी होने के उपरांत सभी सफल अभ्यर्थियों का चरित्र सत्यापन एवं नियुक्ति प्रक्रिया के दौरान उनकी आवंटित इकाईयों से बायोमेट्रिक एवं आधार हिस्ट्री की जांच पुनः कराये जाने हेतु 21 अप्रैल 2025 को निर्देश जारी किये गये। अभ्यर्थियों के दस्तावेजों की जांच में कुछ जिले में संदिग्ध रूप से भिन्नता पाये जाने पर बारीकी से जांच कराई गई, जिसमें यह पाया गया कि कुछ अभ्यर्थियों द्वारा लिखित परीक्षा के पूर्व अपना आधार कार्ड का बायोमेट्रिक संशोधन कराया गया था तथा लिखित परीक्षा के ठीक बाद उनके द्वारा पुनः आधार कार्ड का बायोमेट्रिक संशोधन कराया गया। ऐसे अभ्यर्थियों पर संदेह के आधार पर इनकी जांच कराई गई, जिसमें इनके हस्ताक्षर नूमना, हस्तलिपि, फिंगर प्रिंट लिये गये। साथ ही परीक्षा के दौरान इनके द्वारा दिये गये फिंगर प्रिंट, हस्तलिपि, के नमूने को प्राप्त कर उनकी जांच कराई गई। अभ्यर्थियों की वास्तविक लोकेशन के संबंध में तकनीकी रूप से भी जांच कराई गई, जिसमें भिन्नता पाये जाने पर प्रदेश के विभिन्न जिलों में प्रकरण पंजीबद्ध किये गये। अभी तक कुल 21 प्रकरण 22 अभ्यर्थियों के विरूद्ध पंजीबद्ध किये जा चुके है, जिसमें मुरैना में 07, शिवपुरी-06, श्योपुर-02 तथा इंदौर, दतिया, ग्वालियर, अलीराजपुर, राजगढ तथा शहडोल में 01-01 प्रकरण पंजीबद्ध किये गये हैं।

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