मध्य प्रदेश में सरकारी तंत्र की सुविधाओं को निजी संस्थानों के लिए उपलब्ध कराने का एक ताजा उदाहरण बुंदेलखंड के छतरपुर जिले के महाराजपुर में सामने आया है। यहां सरकारी अस्पताल में मिशनरीज के निजी हॉस्पिटल के स्टूडेंट्स की पाठशाला लगी जिसमें एक शव का पोस्टमार्टम करते हुए उन्हें मानव के अंगों के बारे में बताया गया। पढ़िये क्या है पूरा मामला और किस तरह यह क्लास लगी।
छतरपुर जिले में मिशनरीज का क्रिश्चियन हॉस्पिटल है जिसमें एक नर्सिंग स्कूल भी संचालित किया जाता है। इस नर्सिंग स्कूल के बच्चों को प्रेक्टिकल कराने के लिए पिछले दिनों बिना किसी सरकारी अनुमति के सरकारी अस्पतातल में एक क्लास लगी। यह क्लास मानव शरीर के भीतर के अंगों की जानकारी देने के लिए लगाई गई थी और इस क्लास को एक सरकारी अस्पताल के चिकित्सक ने ही शिक्षक के तौर पर लगाकर स्टूडेंट्स को जानकारी दी।
शव परीक्षण गृह में लगी क्लास
बताया जाता है कि जिले के महाराजपुर के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में शव परीक्षण गृह के लिए एक कमरा है जिसमें पुलिस ने एक लावारिस लाश को पोस्टमार्टम के लिए भेजा था। इस शव का परीक्षण होता इसके पहले ही वहां छतरपुर के मिशनरीज के क्रिश्चियन हॉस्पिटल के नर्सिंग स्कूल के छात्र वहां पहुंच गए। इन छात्र छात्राओं को किसने सूचना दी और ये शव पोस्टमार्टम होने के पहले ही यह स्टूडेंट्स 22 किलोमीटर दूर महाराजपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंच गए, यह सवाल चर्चा में है। शव परीक्षण गृह में लावारिस लाश के पोस्टमार्टम के दौरान इन छात्र-छात्राओं के समूह को कमरे में ही प्रेक्टिकल ज्ञान दिया गया। आरटीआई एक्टिविस्ट खेमराज चौरसिया ने खबरसबकी को बताया कि क्रिश्चियन हॉस्पिटल छतरपुर के छात्रों को महाराजपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के शव परीक्षण गृह में होने वाले पोस्टमार्टम को देखने की किसी तरह सरकारी अनुमति नहीं ली गई थी।
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