सीबीआई केस में ईपीएफओ अधिकारी, उनकी पत्नी व दो वकील-नोटरी को दो से चार साल की सजा

चौदह साल पहले सागर के ईपीएफओ में निरीक्षक महेंद्र कुमार गुप्ता के खिलाफ अऩुपातहीन संपत्ति के मामले में सीबीआई ने 13 मई 2011 को कार्रवाई की थी जिसमें महेंद्र कुमार गुप्ता ही नहीं उनकी पत्नी व मप्र वित्तीय निगम सागर की वरिष्ठ सहायक उषा गुप्ता व एक वकील अरविंद सिंह राजपूत, दो नोटरी बलराम पाटकर व देवीदास दुबे के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। जबलपुर की विशेष अदालत न सभी आरोपियों को दो से चार साल की सजा और जुर्माना किया है।

सीबीआई मामलों के विशेष न्यायाधीश, जबलपुर ने आरोपी महेंद्र कुमार गुप्ता उर्फ ​​एम के गुप्ता, को 23 लाख 90 हजार 933 रुपये के जुर्माने के साथ चार साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। सीबीआई ने महेंद्र कुमार गुप्ता, के खिलाफ जनवरी, 2001 से अप्रैल, 2011 की अवधि के दौरान उनके और उनके परिवार के सदस्यों के नाम पर 24 लाख 86 हजार 883 रूपये की अनुपातहीन संपत्ति रखने के आरोप में मामला दर्ज किया था। जांच पूरी होने के बाद 30 अगस्त 2012 को उपरोक्त पांच आरोपियों के खिलाफ सीबीआई मामलों के विशेष न्यायाधीश, जबलपुर की अदालत में आरोप पत्र दायर किया गया था। अदालत ने विचारण के बाद उपरोक्त आरोपियों को दोषी पाया और तदनुसार उन्हें सजा सुनाई। विशेष न्यायाधीश ने डीए की राशि जब्त करने का भी आदेश पारित किया है।

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