जबलपुर के सरकारी नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल अस्पताल में बच्चा बदले जाने की घटना सामने आई है। पुलिस में इस मामले की शिकायत होने पर मामला सामने आया है जिसमें परिजनों का आरोप है कि उनके यहां बेटा पैदा हुआ था मगर जब उन्हें बच्चा सौंपा गया तो वह बेटी निकली। मामले में अस्पताल प्रबंधन ने जांच शुरू कर दी है।
बताया जाता है कि मामला करीब पांच दिन पहले यानी शनिवार का है। बरगी की एक गर्भवती महिला नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल हॉस्पिटल में भर्ती हई थी। उसे शनिवार को प्रसव हुआ जिसमें महिला के परिजनों का दावा है कि बेटा हुआ था। उन्होंने नवजात बालक का टैग लगा देखा था, मगर जब उन्हें बच्चा सौंपा गया तो वह नवजात बेटी निकली। इस बारे में परिजनों ने पहले अस्पताल प्रबंधन से शिकायत की लेकिन जब उनकी बात को टालमटोल करने का प्रयास हुआ तो वे पुलिस थाने में शिकयत करने पहुंचे।
बेटे का टैग देखा मिली बेटी
घटना में पीडि परिवार के लोगों का दावा है कि उसकी सामान्य डिलीवरी के दौरान नवजात के हाथ पर बेटे का टैग लगाया गया था। हालांकि, जब बच्चा महिला के परिजनों को दिया गया, तो वह बेटी निकली। परिजनों ने वार्ड स्टाफ और डॉक्टरों को इसकी जानकारी दी, लेकिन उन्होंने बेटी होने का हवाला देकर मामले को दबाने की कोशिश की। जानकार सूत्रों के अनुसार घटना 18 जनवरी की है और दो दिन तक इसे दबाने का प्रयास किया गया। जब मौखिक शिकायत का समाधान नहीं हुआ, तो महिला के परिजनों ने गढ़ा थाने में शिकायत दर्ज कराई। अस्पताल अधीक्षक डॉ. अरविंद शर्मा ने मामले को गंभीरता से लेते हुए एक नर्स और एक वार्ड बॉय को संलिप्त पाए जाने पर निलंबित कर दिया है और आगे की जांच के लिए उच्च स्तरीय जांच कमेटी गठित कर दी है।
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