बहुकला केंद्र भारत भवन में मंगलवार को लखनऊ की वरिष्ठ चित्रकार सुषमा अग्रवाल के चित्रों की एकल प्रदर्शनी शुरू हुई। रंगदर्शनी दीर्घा में आयोजित इस प्रदर्शनी का संयोजन रूपंकर कला प्रभाग की ओर से किया गया। रूपाभ चित्र प्रदर्शनी श्रृंखला के तहत आयोजित प्रदर्शनी में सुषमा के 19 चित्रों का प्रदर्शन किया गया।
वाटर कलर्स और एक्रेलिक रंगों में तैयार यह चित्र एब्स्ट्रेक्ट फॉर्म में तैयार किए गए हैं। 80 वर्षीय चित्रकार सुषमा अग्रवाल ने बताया कि यह पहला अवसर है जब भोपाल और भारत भवन में मेरी प्रदर्शनी लगी है। उन्होंने कहा कि मेरे चित्रों में मन के चेतना के भाव को रंगों के माध्यम से केनवास पर उकेरने का प्रयास किया है। प्रदर्शनी 25 जनवरी तक चलेगी।
ब्रश और रंग की भी अपनी एक ताकत होती है,
वरिष्ठ चित्रकार सुषमा ने कहा कि मेरी इच्छा है कि चित्रकार ऐसी कला का निर्माण करें, जिससे लोगों को ज्ञान, आनंद और समाधान मिले। उन्होंने कहा कि ब्रश और रंग की भी अपनी एक ताकत होती है, जो किसी चित्र में सजीवता लाते हैं। चित्रकला से सजीवता के भाव का निर्माण होता है और दूसरों को प्रेरणा प्राप्त होती है। उन्होंने कहा कि चित्रकारिता के अपने नियम, कानून और आत्मा भी होती है।
बचपन से कर रही हूं पेंटिंग
सुषमा अग्रवाल ने बताया कि रंग और कूची से उन्हें बचपन ने ही स्नेह रहा है। यही कारण है कि वे चित्रकला से जुड़ी और उन्होंने इसे करियर के तौर पर आगे बढ़ाने का निर्णय लिया। उन्होंने कहा कि परिवार में भले ही पहले कोई चित्रकला से नहीं जुड़ा रहा है लेकिन जब मैंने पेंटिंग बनाना शुरू किया तो परिवार ने काफी प्रोत्साहित किया।
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