-
दुनिया
-
बागेश्वर सरकार की ज़िंदगी पर शोध करने पहुची न्यूजीलैंड के विश्वविद्यालय की टीम
-
Rahul Gandhi ने सीजफायर को BJP-RSS की सरेंडर की परंपरा बताया, कहा Modi करते हैं Trump की जी हुजूरी
-
ऑपरेशन सिंदूर ने बताया आतंकवादियों का छद्म युद्ध, प्रॉक्सी वॉर नहीं चलेगा, गोली चलाई जाएगी तो गोले चलाकर देंगे जवाब
-
मुंबई-दिल्ली एक्सप्रेस-वे पर कामलीला, नेताजी की महिला शिक्षक मित्र संग आशिकी का वीडियो वायरल
-
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा आंबेडकर संविधान जलाना चाहते थे, मनुस्मृति को तो गंगाधर सहस्त्रबुद्धे ने जलाया
-
PM चीता ड्रीम प्रोजेक्ट चूक जवाबदेही किसकी को लेकर सवाल, क्षत-विक्षत शव मिलने से प्रोजेक्ट का दाग लगा

दक्षिण अफ्रीका से लाकर भारत से लुप्त हुए चीतों के पुर्नविस्थापन के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट पर चार दिन पहले मादा चीता निर्वा ने जिन दो शावकों कों जन्म दिया था उनके शव क्षत-विक्षत मिलने से पीएम के इस प्रोजेक्ट पर दाग लग गया है। पहले चीते ने कितने बच्चों को जन्म दिया, इसको लेकर गफलत बनी रही और फिर जब क्षत-विक्षत शव मिले तो उसके लिए अब तक किसी की जवाबदेही तय नहीं की जा सकी है। प्रोजेक्ट से जुड़े इन गंभीर सवालों पर पढ़िये हमारी विशेष रिपोर्ट।
कूनो नेशनल पार्क में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर दो साल पूर्व 17 सितंबर 2022 को चीता प्रोजेक्ट को लांच किया गया था और दक्षिण अफ्रीका से आठ चीतों को लेकर बाड़ों में रखा गया था लेकिन दो साल में ही इस प्रोजेक्ट पर दाग पर दाग लगते जा रहे हैं। पहले चीतों की मौतों के बाद अब सात दिन पहले एक मादा चीता निर्वा ने शावकों को जन्म दिया था लेकिन कितने शावकों का जन्म हुआ, यह सवाल निर्वा के शावकों को जन्म देने पर जवाब दिया गया था कि चार शावकों का जन्म हुआ है। मगर जब इन शावकों की मौत हुई और केवल दो शावकों के मृत शरीर मिले तो यह कहा गया कि दो ही शावकों ने जन्म हुआ था।
शावकों की संख्या के बाद क्षत-विक्षत शवों पर जवाबदेही तय नहीं
निर्वा ने 22 नवंबर को शावकों को जन्म दिया था लेकिन तीन दिन बाद इन शावकों के शव क्षत-विक्षत हालत में मिलने की घटना सामने आई। शावकों की मौत कैसे हुई और उनके शवों की क्षत-विक्षत हालत कैसे बनी, यह सवाल वन विभाग के जिम्मेदारों में चर्चा का विषय है। यह सवाल उठ रहा है कि क्या बाड़े में कोई और वन्य प्राणी पहुंचा या पहुंचे थे या फिर उनकी मां ने ही अपने शावकों को मौत के घाट उतार दिया..? मौत के चार दिन बाद भी वन विभाग की ओर से अधिकृत जवाब नहीं आया है। सबसे बड़ा सवाल लिया है कि प्रधानमंत्री की ड्रीम प्रोजेक्ट में इतनी बड़ी लापरवाही के लिए कौन अफसर जवाबदेह है।
चीतों की कॉलर आईडी से मॉनीटरिंग व्यवस्था पर सवाल
श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क में चीतों के वंश वृद्धि की कड़ी में 22 नवंबर को चीता निर्वा ने शावकों को जन्म दिया था। जन्म के तीन दिन बाद यानी 25 को दोनों शावकों की मौत हो गई। डीएफओ कुनो के अधिकृत प्रेस नोट में दोनों मृत शावकों के शव को क्षति-विक्षिप्त बताया। अर्थात शावकों की मौत किन जानवरों के हमले से हुई? इस सवाल का उत्तर खोजा जा रहा है। हालांकि सीसीएफ उत्तम कुमार शर्मा ने हमारे विशेष संवाददाता गणेश पांडे से चर्चा में यह आशंका व्यक्त की है कि निर्वा पहली बार मां बनी है, इसलिए वही हमला कर सकती है। बिल्ली प्रजाति के एनिमल का यह स्वभाव भी ऐसा होता है। कूनो नेशनल पार्क प्रबंधन पर पीएम के ड्रीम प्रोजेक्ट में 24 घंटे की मॉनिटरिंग की व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। सभी चीता को कॉलर आईडी से मीनीटरिंग हो रही है तो फिर निर्वा के मूवमेंट पर नजर क्यों नहीं रखी गई..? यदि निर्वाह पर नजर रखी जाती तो उसके हमले से शावकों को बचाया जा सकता था।
Posted in: bhopal, bhopal news, Uncategorized, अन्य, दुनिया, देश, मध्य प्रदेश, मेरा मध्य प्रदेश, राज्य, स्वास्थ
Tags: bhopal, bhopal hindi news, bhopal khabar, bhopal khabar samachar, madhya pradesh, madhya pradesh . india
Leave a Reply