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उपचुनाव के बाद विजयपुर जीत पर नेता आमने-सामने, दिग्विजय समर्थकों के निशाने पर फिर उमंग सिंगार

मध्य प्रदेश में कांग्रेस की उपचुनाव में विजयपुर में जीत का श्रेय लेने के लिए नेता आमने-सामने आ गए हैं तो वहीं, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार को दिग्विजय सिंह समर्थकों ने घेरते हुए जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में पार्टी प्रत्याशी को जिताने के लिए एक करोड़ रुपए लिए जाने के आरोप लगा दिए हैं। इस तरह कांग्रेस में उपचुनाव में विजयपुर सीट पर जीत का श्रेय पीसीसी चीफ जीतू पटवारी को देने के बजाय स्थानीय नेताओं को देने वाले उमंग सिंगार के खिलाफ समाचार पत्र में दिग्विजय समर्थक का पत्र लीक हुआ जिसमें उन्हें लूटेरों-डकैतों का संरक्षक बताते हुए गवाही के तौर पर पीसीसी-डीसीसी के पदाधिकारियों के नामों का खुलासा किया गया। पढ़िये वरिष्ठ पत्रकार रवींद्र कैलासिया की रिपोर्ट।
विधानसभा के उपचुनाव आमतौर पर सत्ताधारी दल की जीत मानी जाती है लेकिन इस बार मध्य प्रदेश में विजयपुर विधानसभा सीट पर दलबदलकर भाजपा में पहुंचे रामनिवास रावत को मंत्री रहते हुए हार का सामना करना पड़ा तो विदिशा लोकसभा चुनाव में जिस बुदनी विधानसभा सीट पर भाजपा को करीब एक लाख की बढ़त मिली थी, उस पर जीत आंकड़ा करीब 90 हजार कम अंतर का हो गया। उपचुनाव के इन नतीजों को प्रदेश कांग्रेस संगठन को देने के बजाय पार्टी में नेता अपने-अपने तरीके से उसका श्रेय देने में लगे थे। विजयपुर सीट पर जीत का श्रेय पीसीसी चीफ जीतू पटवारी को देने के लिए पीसीसी में उनके नाम पर जश्न मनाया गया था और गुरुवार को विजयी प्रत्याशी मुकेश मलहोत्रा का जबरदस्त स्वागत कर पटवारी को जीत का सेहरा बांधा गया। मगर पार्टी में कुछ लोग पूर्व मुख्यमंत्री व राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह के विधायक पुत्र जयवर्धन सिंह को विजयपुर सीट की जीत के लिए श्रेय दे रहे थे लेकिन नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार इस जीत के लिए न तो पटवारी को श्रेय दे रहे थे न ही उन्होंने जयवर्धन सिंह को दिया बल्कि लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी रहे नीटू सिकरवार के सिर पर इसका सेहरा बांधा।
दिग्विजय-उमंग सिंगार में क्या फिर टकराव….
विजयपुर उपचुनाव में जीत के श्रेय को लेकर लगी इस दौड़ में दिग्विजय-उमंग सिंगार के बीच पुराना टकराव फिर उभरकर सामने आता दिखाई दिया है। उमंग सिंगार के विजयपुर उपचुनाव में कुछ क्षेत्र के प्रभारी बनाए गए जयवर्धन सिंह की जीत में हिस्सेदारी देने से बचने और पीसीसी संगठन को भी इसका श्रेय नहीं देने पर दिग्विजय सिंह समर्थकों ने उन्हें पार्टी की छवि धूमिल करने का आरोपी करार देने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। जिला पंचायत अध्यक्ष मनोज गौतम के चुनाव में उमंग सिंगार द्वारा अपने समर्थक चार जिला पंचायत सदस्यों के वोट डलवाने के लिए एक करोड़ रुपए लेने के आरोप लगाए हैं और जो पत्र उन्होंने संगठन को लिखा था, वह इसी समय लीक हो गया। यह आशंका जताई जा रही है कि उपचुनाव विजयपुर की जीत का श्रेय पटवारी या जयवर्धन सिंह को देने से बचने की वजह से सिंगार पर यह हमला बोला गया है।
कक्कड़-राजीव सिंह-हेमंत पाल को गवाह बनाया
दिग्विजय सिंह समर्थक बालमुकुंद के लीक हुए पत्र में जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में उमंग सिंगार द्वारा एक करोड़ रुपए लिए जाने के मामले में गवाह के रूप में तीन नाम लिखे गए हैं। पहला नाम कमलनाथ के ओएसडी प्रवीण कक्कड़ का है तो दूसरा नाम संगठन प्रभारी उपाध्यक्ष राजीव सिंह और तीसरा नाम धार जिला कांग्रेस के प्रभारी रहे हेमंत पाल का है। इस पत्र में उमंग सिंगार को लुटेरों-डकैतों का संरक्षक बताया गया है और कहा गया है कि उनकी वजह से पार्टी की छवि धूमिल हो रही है। वे पार्टी विरोधी काम कर रहे हैं और वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ अनर्गल आरोप लगाते हैं।
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