वन राज्यमंत्री ने वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट को बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में दिखाया ठेंगा, एक्शन कौन लेगा?

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में हाथियों की मौत का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ है कि वन राज्य मंत्री दिलीप अहिरवार वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट के खिलाफ हथियारबंद सुरक्षाकर्मी के साथ अभयारण्य में जाने के विवाद में उलझ गए हैं। एक्ट में अभयारण्य में पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ की अनुमति के बाद ही जाने का प्रावधान है मगर हाथियों की मौत के मामले में वन राज्यमंत्री घटनास्थल पर पहुंचने के लिए सीधे पहुंच गए और वहां वन अधिकारियों के साथ मीटिंग भी की। पढ़िये रिपोर्ट कि आखिर वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट में क्या प्रावधान है और वन राज्यमंत्री के सुरक्षाकर्मी हथियारों के साथ कब पहुंचे थे।

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में 29 अक्टूबर से 21 अक्टूबर के बीच दस हाथियों की मौत की घटना के बाद वन राज्य मंत्री दिलीप अहिरवार दो नवंबर को घटनास्थल का निरीक्षण करने और वन अधिकारियों से पूरी जानकारी लेने पहुंचे थे। मगर वहां वन राज्यमंत्री के पहुंचने पर एक नया विवाद खड़ा हो गया है। मंत्री ने स्वयं वन्य प्राणी प्रोटेक्शन एक्ट की धज्जियां उड़ाते नजर आए। वे अपने गनमैन के साथ शनिवार को बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व की कुछ स्थल पर पहुंचे, जहां जहरीला पदार्थ खाने से जंगली हाथी दम तोड़ रहे थे। गौरतलब है कि देश का यह पहला मामला है जब बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में तीन दिन में 10 जंगली हाथियों की मौत हो गई।
वन बल प्रमुख की मौजूदगी में दिखा वन राज्यमंत्री का हथियारबंद सुरक्षाकर्मी
मुख्यमंत्री मोहन यादव के निर्देश पर शनिवार को वन राज्य मंत्री दिलीप अहिरवार विभाग के अपर मुख्य सचिव और वन बल प्रमुख असीम श्रीवास्तव के साथ बांधवगढ़ पहुंचे थे। वन्य प्राणी एक्सपर्ट अधिकारियों की मौजूदगी में वन राज्य मंत्री दिलीप अहिरवार अपने गनमैन के साथ बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में पहुंच गए। वहां उपस्थित किसी भी अधिकारी ने राज्य मंत्री को यह बताने की कोशिश नहीं की कि वन्य प्राणी प्रोटेक्शन एक्ट के तहत अश्वशास्त्र के साथ टाइगर रिजर्व अथवा सेंचुरी में जाना वर्जित है।
वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट में यह है प्रावधान
वन्य प्राणी प्रोटेक्शन एक्ट की धारा 31के अनुसार – अस्त्र-शस्त्र के साथ अभयारण्य में प्रवेश का निषेध है। इसमें यह भी प्रावधान किया है कि कोई भी व्यक्ति मुख्य वन्य जीव संरक्षक या प्राधिकृत अधिकारी से लिखित पूर्व अनुमति के बिना किसी भी हथियार के साथ अभयारण्य अथवा टाइगर रिजर्व में प्रवेश नहीं करेगा।
पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ की अनुमति के बिना गन के साथ सुरक्षाकर्मी सेंचुरी में पहुंचा?
सूत्रों के अनुसार वनराज्य मंत्री दिलीप अहिरवार ने गनमैन के साथ टाइगर रिजर्व में जाने हेतु पीसीसीएफ वन्य प्राणी वीएन अम्बाड़े से लिखित में पूर्व से अनुमति नहीं ली थी। अब सवाल यह भी उठने लगा है कि क्या फॉरेस्ट के अधिकारी अपने राज्य मंत्री के खिलाफ एक्शन की हिम्मत जुटा सकेंगे..?
सीएस तक पहुंची शिकायत
वन राज्य मंत्री दिलीप अहिरवार द्वारा वाइल्डलाइफ प्रोटक्शन एक्ट की धारा 31 के प्रावधानों का उल्लंघन करने पर मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों से भी शिकायत की गई है। इस मुद्दे पर विधि विशेषज्ञों से मंथन का अगला कदम उठाने की बातें सामने आई हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Khabar News | MP Breaking News | MP Khel Samachar | Latest News in Hindi Bhopal | Bhopal News In Hindi | Bhopal News Headlines | Bhopal Breaking News | Bhopal Khel Samachar | MP News Today