गड्ढे भरने को चले PWD के अभियान का अब छह दिन सत्यापन, 18 सितंबर तक मंत्रालय ने मांगी रिपोर्ट

मध्य प्रदेश में झमाझम बारिश होने के कारण सड़कें जर्जर हो गई थीं जिसके कारण पीडब्ल्यूडी ने अपनी सड़कों के गड्ढे भरने के लिए अगस्त में विशेष अभियान चलाया था। मगर अभी भी सड़कों को लेकर जिस तरह की खबरें आ रही हैं, उसके बाद अब राज्य शासन गड्ढे भरो अभियान में हुए पेंचवर्क की सत्यता जांचने सत्यापन करा रहा है। प्रदेशभर में पीडब्ल्यूडी ने 27 इंजीनियरों की टीम को नौ सितंबर से 15 सितंबर के बीच मैदान में उतार दिया है जो 18 सितंबर को पेंचवर्क की रिपोर्ट पर मोहर लगाएं कि सही या नहीं।

बारिश के मौसम में इस बार पूरे राज्य की सड़कों की हालत खराब हो गई है। जगह-जगह से सड़कें टूट गईं तो बड़े-बड़े गड्ढे हो गए थे। इन सड़कों में से लोक निर्माण विभाग ने अपनी सड़कों, पुलों के पेंचवर्क के लिए सात अगस्त से 22 अगस्त तक विशेष अभियान चलाया था। कार्यपालन यंत्रियों को पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने सड़कों को गड्ढामुक्त करने के निर्देश दिए थे और इस अभियान में हुए कार्यों के प्रमाण पत्र हस्ताक्षरों के साथ राज्य शासन को दिए गए।

अपर मुख्य सचिव ने सत्यापन के लिए उतारी टीम
गड्ढों को भरने के लिए अगस्त के अभियान की सत्यता की जांच के लिए अपर मुख्य सचिव केसी गुप्ता ने अब निरीक्षण टीम मैदान में उतारी है। एक टीम पीडब्ल्यूडी की है जिसमें अधीक्षण यंत्री स्तर के 15 इंजीनियर शामिल हैं जो सड़कों और पुल के पेंचवर्क को देखेंगे तो दूसरी टीम मध्य प्रदेश सड़क विकास निगम के 12 संभागीय प्रबंधकों की है।
ये अधिकारी निरीक्षण करने जाएंगे
उप सचिव एआर सिंह ने ये दो टीमें बनाई हैं जिन पर निरीक्षण की जिम्मेदारी है। इनमें पीडब्ल्यूडी के गुना मंडल के अधीक्षण यंत्री वीके झा को भोपाल मंडल क्रमांक एक तो प्रमुख अभियंता कार्यालय के अधीक्षण यंत्री अजय आनंद लिखार को भोपाल मंडल क्रमांड दो और प्रमुख अभियंता भवन कार्यालय के अधीक्षण यंत्री आरडी चौधरी को राजधानी परियोजना मंडल के पेंचवर्कों के काम को जांचना है। नर्मदापुरम के पेंचवर्क के बारे में प्रमुख अभियंता कार्यालय के अधीक्षण यंत्री आरजी शाक्य को रिपोर्ट देनी है। जबलपुर मंडल के अधीक्षण यंत्री केके लच्छे को रीवा तो सागर मंडल के अधीक्षण यंत्री सीपी सिंह को शहडोल मंडल के जो पेंचवर्क किए गए हैं, उनकी रिपोर्ट के बारे में राज्य शासन को वास्तविक स्थिति की रिपोर्ट सौंपना है। सिवनी के अधीक्षण यंत्री आरके जैन को जबलपुर तो शहडोल के अधीक्षण यंत्री कुल्हाड़े को सिवनी मंडल के पेंचवर्क का सत्यापन करना है। इसी तरह इंदौर, खंडवा, उज्जैन, ग्वालियर, गुना, सागर और नौगांव मंडलों के लिए अधीक्षण यंत्रियों की ड्यूटी लगाई गई है। मध्य प्रदेश सड़क विकास निगम के जिन संभागीय प्रबंधकों को यह जिम्मेदारी दी गई है उनमें रीवा में छिंदवाड़ा के आशीष पटेल, जबलपुर में सीधी के उमेश सिंह, शहडोल में जबलपुर के आरएस चंदेल, छिंदवाड़ा में शहडोल के एके स्वर्णकार, सागर में इंदौर के राकेश जैन और भोपाल में धार के श्याम गुप्ता शामिल हैं। इसी तरह सड़क विकास निगम के संभागीय प्रबंधकों को ग्वालियर, चंबल, उज्जैन, धार और नर्मदापुरम में भी लगाया गया है।

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