लोकसभा चुनाव के परिणामों के बाद भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए के सरकार बनाने का रास्ता साफ हो गया और घटक दलों के नेताओं की बैठक में कयासों को झुठलाते हुए पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सभी की पसंद बनकर सामने आए। वहीं, कांग्रेस के नेतृत्व वाले इंडिया गठबंधन की बैठक में भी सभी दलों के नेताओं ने हिस्सा लिया और विपक्ष की प्रभावी भूमिका निभाने के लिए सहमति दी। पढ़िये रिपोर्ट।
लोकसभा चुनाव के परिणामों के आने के दूसरे दिन बुधवार को दिल्ली में नई सरकार बनाने के लिए एनडीए और इंडिया के घटक दलों के नेताओं का जमावड़ा रहा। दिल्ली में तमाम नेताओं के एकत्र होने के कारण मीडिया की नजरें राजनीतिक घटनाक्रम पर सुबह से ही टिकी थीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सबसे पहले दिन में प्रधानमंत्री पद से राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को इस्तीफा सौंपा और फिर शाम को प्रधानमंत्री निवास पर एनडीए के घटक दलों के नेताओं की करीब एक घंटे तक बैठक चली। बैठक में मोदी के अलावा भाजपा के जेपी नड्डा, राजनाथ सिंह, अमित शाह, नीतिश कुमार, चंद्रबाबू नायडू, एकनाथ शिंदे, एचडी कुमार स्वामी, चिराग पासवान, जीतनराम मांझी सहित 21 नेता शामिल हुए। इसमें प्रस्ताव पारित कर नरेंद्र मोदी को सरकार बनाने के लिए नेता चुना गया। इससे राजनीतिक विशेषज्ञों द्वारा लगाए गए जा रहे कयासों को विराम लग गया है।
इंडिया की बैठक में सभी दल के प्रतिनिधि
इधर, भाजपा को अकेले दम पर सरकार बनाने से रोकने वाले इंडिया गठबंधन ने भी अपनी रणनीति को बैठकर तय करने के लिए दिल्ली में शाम को बैठक बुलाई। इसमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी सहित सपा के अखिलेश यादव, तेजस्वी यादव, शरद पवार, संजय सिंह सहित अन्य दलों के नेता और प्रतिनिधि शामिल हुए। बताया जाता है कि इसमें विपक्ष की प्रभावी भूमिका निभाने के लिए सहमति बनी।
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