मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस में नेतृत्व परिवर्तन में पीसीसी अध्य़क्ष बने जीतू पटवारी ने संगठन में अभी बदलाव नहीं किया है लेकिन उनके मीडिया विभाग के पहले बदलाव के फैसले पर ही बवाल मच गया है। जिन प्रवक्ताओं को हटाया गया उन्होंने टीवी डिबेटों में भेजे जाने वाले नेताओं को लेकर गंभीर आरोप लगाए तो जिन्हें बदलाव में स्थान मिला है उनमें से भी कुछ वरिष्ठता के नाम पर नाराज है। पढ़िये रिपोर्ट।
मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी में अब तक नए प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी अपनी टीम का गठन नहीं कर पाए हैं और दो दिन पहले जब मीडिया विभाग में उन्होंने पहला परिवर्तन किया तो उसमें भी बवाल खड़ा हो गया है। मीडिया विभाग की टीम में पटवारी ने पीसीसी चीफ के मीडिया सलाहकार पीयूष बवेले को हटाकर मीडिया विभाग के अध्यक्ष केके मिश्रा को यह जिम्मेदारी दी है। मीडिया विभाग में अध्यक्ष पूर्व मंत्री मुकेश नायक को बनाया दिया है लेकिन नौ मुख्य प्रवक्ताओं सहित 32 प्रवक्ताओं की टीम बनाई है।
टीवी डिबेट में भेजे जाने वाले प्रवक्ताओं की पसंद पर सवाल
कांग्रेस की मीडिया विभाग की टीम में रहे प्रवक्ता सिद्धार्थ राणावत ने नई टीम के ऐलान के बाद नाराजगी भरे स्वर में मीडिया को बयान दिया जो सोशल मीडिया पर भी वायरल हुआ है। राणावत इसमें कहते हुए सुने जा रहे हैं कि टीवी डिबेट में कांग्रेस से उन प्रवक्ताओं को भेजा जाता था जो एग्रेसिव नहीं थे। राणावत ने कांग्रेस के मीडिया विभाग पर सरकार के इशारे पर डिबेट में प्रवक्ताओं की ड्यूटी लगाने के आरोप भी लगाए। वायरल वीडियो बयान के आडियो में यह भी सुनाई दिया कि टीवी डिबेट में भेजे जाने वाले प्रवक्ताओं का चयन को लेकर उन्होंने यह गंभीर आरोप लगाया कि जो नेता महिला पेश करते या चाटुकारिता करते उन्हें ज्यादा मौके दिए जाते। सिद्धार्थ राणावत के एक डिजिटल मीडिया के वायरल वीडियो के बयान पर जब खबरसबकी.डॉटकॉम ने पुष्टि करने बात की तो उन्होंने इसे स्वीकार भी किया। एक अन्य प्रवक्ता प्रशांत गुरुदेव ने किसी का नाम लिए बिना सोशल मीडिया पर सवाल किया कि आरएसएस विचारधारा वाले मीसा पेंशन पाने वाला कांग्रेस हो सकता है।
वरिष्ठता ताक पर रखकर मुख्य प्रवक्ता-प्रवक्ता बनाए
प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी की मीडिया विभाग की टीम में नौ मुख्य प्रवक्ता बनाए गए हैं जिनमें से चार पूर्व विधायक हैं लेकिन उनके नाम भूपेंद्र गुप्ता व मृणाल पंत के नीचे नाम हैं। एक अन्य पूर्व विधायक डॉ. अशोक मर्सकोले को मुख्य प्रवक्ता के लायक नहीं समझा गया और उन्हें प्रवक्ता की जिम्मेदारी दी गई। राज्य प्रशासनिक सेवा की नौकरी छोड़कर कांग्रेस से विधानसभा टिकट मांगने वाली निशा बांगरे और एक अन्य महिला नेता रोशनी यादव को भी मुुख्य प्रवक्ता बनाया गया है। पिछली मीडिया विभाग की टीम में उपाध्यक्ष अब्बास हफीज को मुख्य प्रवक्ताओं में सबसे आखिर नंबर की वरिष्ठता दी है। प्रवक्ताओं में सेवादल के प्रदेश संगठक योगेश यादव को मुख्य प्रवक्ता नहीं प्रवक्ता बनाया गया और वह भी प्रवक्ताओं में 14वें स्थान पर रखा गया है।
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