-
दुनिया
-
बागेश्वर सरकार की ज़िंदगी पर शोध करने पहुची न्यूजीलैंड के विश्वविद्यालय की टीम
-
Rahul Gandhi ने सीजफायर को BJP-RSS की सरेंडर की परंपरा बताया, कहा Modi करते हैं Trump की जी हुजूरी
-
ऑपरेशन सिंदूर ने बताया आतंकवादियों का छद्म युद्ध, प्रॉक्सी वॉर नहीं चलेगा, गोली चलाई जाएगी तो गोले चलाकर देंगे जवाब
-
मुंबई-दिल्ली एक्सप्रेस-वे पर कामलीला, नेताजी की महिला शिक्षक मित्र संग आशिकी का वीडियो वायरल
-
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा आंबेडकर संविधान जलाना चाहते थे, मनुस्मृति को तो गंगाधर सहस्त्रबुद्धे ने जलाया
-
रिटायर्ड IPS चौधरी को लोकायुक्त के तीन DG ने क्लीनचिट दी तो सवाल नहीं उठाए, मकवाना के एक्शन पर CR खराब

मध्य प्रदेश लोकायुक्त की विशेष पुलिस स्थापना में रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी संजय चौधरी के खिलाफ शिकायत की जांच में तीन पूर्व डीजी ने क्लीनचिट दी तो उनके एक्शन पर कोई सवाल नहीं उठाए गए। चौथे डीजी कैलाश मकवाना के क्लीनचिट देने पर लोकायुक्त जस्टिस एनके गुप्ता ने उनकी गोपनीय चरित्रावली यानी सीआर खराब कर दी। पढ़िये रिपोर्ट।
मध्य प्रदेश लोकायुक्त संगठन में विशेष पुलिस स्थापना में कैलाश मकवाना 2022 में डीजी बनाए गए थे लेकिन कुछ ही महीने में उनके लोकायुक्त जस्टिस एनके गुप्ता के साथ रिश्तों में खटास आ गई। मामला उनके तबादले तक पहुंच गया और लोकायुक्त जस्टिस गुप्ता ने जब मकवाना की सीआर लिखी तो रिटायर्ड आईपीएस संजय चौधरी सहित सात मामलों में क्लीनचिट दिए जाने को आधार बनाकर उनके खिलाफ टिप्पणियां कीं। सीआर में विपरीत टिप्पणियों के साथ उन्हें दस में से पांच नंबर दिए। मकवाना को अपने सर्विस रिकॉर्ड पर गर्व था लेकिन लोकायुक्त जस्टिस गुप्ता द्वारा लिखी गई सीआर में विपरीत टिप्पणियों व आधा नंबर दिए जाने पर वे राज्य शासन तक पहुंच गए।
चौधरी को क्लीनचिट मकवाना के पहले भी मिली
मकवाना को लोकायुक्त ने चौधरी को क्लीनचिट दिए जाने पर विपरीत टिप्पणी लिखते हुए प्रकरण में एफआईआर के लिए ठोस तथ्य होने का हवाला दिया। जानकार सूत्रों के मुताबिक संजय चौधरी के मामले में लोकायुक्त की विशेष पुलिस स्थापना ने मकवाना के कार्यकाल में ही क्लीनचिट नहीं दी थी बल्कि उनके पूर्व के तीन डीजी भी क्लीनचिट की अनुशंसा कर चुके थे। इनमें संजय राणा, अनिल कुमार और राजीव टंडन शामिल हैं। तीनों पूर्व डीजी लोकायुक्त विशेष पुलिस स्थापना के क्लीनचिट दिए जाने पर लोकायुक्त संगठन की तरफ से कोई सवाल नहीं उठाए गए। मकवाना की सीआर इस प्रकरण में क्लीनचिट दिए जाने पर खराब कर दी गई। चौधरी के मामले में मकवाना क्लीनचिट देने की अनुशंसा कर गए थे और इसके बाद उनका तबादला हो गया तो विशेष पुलिस स्थापना में बाद में चौधरी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई थी।
इन छह मामलों में क्लीनचिट पर भी सीआर में टिप्पणी
सूत्र बताते हैं कि सीआर में जिन छह मामलों का जिक्र किया गया है उनमें प्रेमवती खेरवार, डीएसपी श्रीनाथसिंह बघेल, राकेश कुमार जैन, डीएसपी रामखिलावन शुक्ला, मोहित तिवारी, नरेश सिंह चौहान के जांच और प्राथमिक जांच के मामले हैं। इन मामलों को लेकर मकवाना की सीआर में लोकायुक्त ने लिखा है कि बिना कारण बताए उन्होंने प्रकरणों को बंद करने की अनुशंसा की थी जिनमें बाद में अनुपातहीन संपत्ति के प्रकरण दर्ज हुए थे।
Leave a Reply