मध्य प्रदेश में राज्यसभा की पांच सीटों के लिए चुनाव होना है लेकिन अभी तक न तो कांग्रेस ने पत्ते खोले हैं न ही भाजपा ने। कांग्रेस की एकमात्र सीट को लेकर कमलनाथ की डिनर पॉलीटिक्स चली तो उनके अलावा पार्टी से राज्यसभा जाने के लिए प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी, पूर्व अध्यक्ष अरुण यादव, विधायक अजय सिंह व पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल दौड़ में बताए जा रहे हैं। वहीं, यह भी चर्चा है कि पार्टी प्रदेश के ज्यादा नेताओं के दौड़ में होने से देश के किसी अन्य हिस्से से वरिष्ठ नेता को यह मौका दिया जा सकता है। पढ़िये रिपोर्ट।
मध्य प्रदेश में राज्यसभा की पांच सीटों से निर्वाचित सांसदों अजय प्रताप सिंह, कैलाश सोनी, धर्मेंद्र प्रधान, मुरुगन व राजमणि पटेल का दो अप्रैल को कार्यकाल खत्म होने जा रहा है जिसके लिए 27 फरवरी को मतदान होना है। 15 फरवरी तक इसके लिए नामांकन पर्चे भरे जाना है लेकिन अभी तक भाजपा ही नहीं कांग्रेस का कोई प्रत्याशी तय किया गया है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के राज्यसभा जाने की कोशिशों की वजह से उनके विरोधी भीतर ही भीतर सक्रिय हो गए हैं जिससे कांग्रेस हाईकमान द्वारा अभी तक प्रत्याशी का ऐलान नहीं किया गया है। मगर यह भी कहा जा रहा है कि कमलनाथ भी प्रेशर पॉलीटिक्स कर रहे हैं जिसमें उनके भाजपा में जाने की चर्चाओं को हवा दिए जाने को रणनीति का हिस्सा बताया जा रहा है।
डिनर पॉलीटिक्स में प्रस्तावकों पर नजर
राज्यसभा चुनाव के पहले कमलनाथ ने कांग्रेस विधायकों व वरिष्ठ नेताओं को मंगलवार को डिनर पर आमंत्रित भी किया जिसमें यह संभावना जताई जा रही है कि चुनाव के लिए दो अलग-अलग सेट पर प्रस्तावक विधायकों के हस्ताक्षर लिए जा सकते हैं। हालांकि रात को डिनर में पहुंचे विधायकों ने इस तरह के किसी भी दस्तावेज पर हस्ताक्षर कराए जाने की पुष्टि नहीं की है। गौरतलब है कि पिछले राज्यसभा चुनाव 2020 में कांग्रेस प्रत्याशियों के नाम घोषित किए जाने के पहले ही दिग्विजय सिंह ने नामांकन पर्चा दाखिल कर दिया था और इस बार भी वैसी ही परिस्थितियां निर्मित होती नजर आ रही हैं।
सोनिया नहीं तो दूसरे बाहरी प्रत्याशी की भी चर्चा
कांग्रेस से राज्यसभा चुनाव के लिए प्रदेश के कई दावेदारों के सामने आने से पार्टी हाईकमान द्वारा बाहर के उम्मीदवार को भेजे जाने की भी चर्चाएं तेज हो गई हैं। मध्य प्रदेश के कमलनाथ, जीतू पटवारी, अरुण यादव, अजय सिंह व कमलेश्वर पटेल जैसे नेताओं के नाम की वजह से हाईकमान के सामने संकट की स्थिति निर्मित हो गई है क्योंकि लोकसभा चुनाव के पहले इन नेताओं की नाराजगी वह झेलने के मूड में नहीं है। कांग्रेस पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजस्थान से राज्यसभा चुनाव में नामांकन पत्र दाखिल करने की स्थिति के बाद पार्टी किसी बाहरी नेता को मध्य प्रदेश से राज्यसभा में भेजने की रणनीति अपना सकता है। इसमें पार्टी के मीडिया विभाग से सुप्रिया नेत का नाम भी चर्चा में आया है।
Leave a Reply