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महाकौशल से कांग्रेस नेताओं के दलबदल के बीच कमलनाथ की भाजपा नेताओं से मुलाकात चर्चा में

मध्य प्रदेश में कांग्रेस को विधानसभा चुनाव के बाद दलबदल करने वाले नेताओं से लगातार झटके मिल रहे हैं। महाकौशल से दलबदल करने वाले कमलनाथ समर्थकों के घटनाक्रम के बीच गुरुवार को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव व भाजपा के दिग्गजों से नाथ की मुलाकात से एकबार फिर उनके व कुछ अन्य वरिष्ठ नेताओं के पार्टी छोड़ने की चर्चा तेज हो गई है। पढ़िये रिपोर्ट।
विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली करारी हार के बाद प्रदेश के नेतृत्व में परिवर्तन किया गया जिससे बुजुर्ग नेता निराश दिखाई। हालांकि वे नेतृत्व परिवर्तन को सार्वजनिक रूप से पार्टी के पीढ़ी परिवर्तन की बात कहते रहे हैं लेकिन उनके समर्थक अब धीरे-धीरे दलबदल करके भाजपा का दामन थाम रहे हैं। इन घटनाक्रमों के बीच कमलनाथ जैसे गांधी परिवार के सबसे करीबी नेता और उनके परिवार के सदस्यों में से किसी अहम सदस्य के भाजपा में जाने की खबरें चर्चा में चलीं जिनका अब तक कमलनाथ ने खंडन किया है। मगर कुछ दिनों से महाकौशल में कांग्रेस नेताओं के पार्टी छोड़ने के घटनाक्रम से एकबार फिर उनको लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं।
फिर भाजपा नेताओं से कमलनाथ की मुलाकात
बुधवार को कमलनाथ की विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव व उनकी कैबिनेट के वरिष्ठ मंत्री प्रहलाद पटेल, कैलाश विजयवर्गीय की मुलाकात हुई। आज भी कमलनाथ ने सीएम यादव से मुलाकात की। चर्चा में यह कहा जा रहा है कि सीएम के साथ के कमलनाथ की मुलाकात का संबंध पिछले महीने पीएम नरेंद्र मोदी से मिलने के समय के घटनाक्रम से है। इस मुलाकात के बाद कमलनाथ दिल्ली भी रवाना हो गए हैं। वहीं, यह भी कहा जा रहा है कि विधानसभा सत्र को छोड़कर कुछ कमलनाथ समर्थक भी यहां से चले गए हैं।
अब तक यह बड़े झटके
मुरैना में राकेश मावई के बाद जबलपुर, डिंडौरी, सिंगरौली, टीकमगढ़ के नेता भोपाल में आकर भाजपा की सदस्यता लेने लगे। कमलनाथ के गढ़ महाकौशल से यह भगदड़ ज्यादा रही जिसमें जबलपुर महापौर जगतबहादुर अन्नू सहित कई जिला पंचायत, जनपद, नगर परिषद और नगर निगम के निर्वाचित पार्षद रही। गुरुवार को जबलपुर से दूसरा बड़ा झटका कांग्रेस को मिला जो वरिष्ठ अधिवक्ता शशांक शेखर का भाजपा में जाने वाला रहा। हालांकि इसमें मुरैना के राकेश मावई केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक रहे थे और तब वे कांग्रेस में ही रह गए थे।
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