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वन भवन में IFS अफसरों से लेकर बाबूओं के बीच इस घटना की चर्चा….

बात छोटी सी थी किंतु बड़े साहब ने ऐसी फटकार लगाई की रक्तचाप तेजी से घट गया और उन्हें उपचार के लिए सिद्धांता अस्पताल के लिए भर्ती होना पड़ा।अस्पताल से छुट्टी होने के बाद अब पीड़िता महिला अफसर मेडिकल लीव पर चली गई है। हमारे लिए वरिष्ठ पत्रकार रवींद्र कैलासिया की रिपोर्ट।
यह घटना वन भवन की है। नए वन भवन में आईएफइस अफसरों से लेकर बाबूओं के बीच इस घटना की खूब चर्चा हो रही है। प्रत्यक्ष दर्शीयों के अनुसार यह वाकियां 4 जनवरी, समय अपरान्ह 3.30 की है। घटना के वक्त उपस्थित लोगों ने बताया कि अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षण के स्तर के एक अधिकारी ने प्रमोटी महिला डीसीएफ को बुलाया और उसे हुक्म दिया कि इस नोटशीट पर हस्ताक्षर करो। बड़े साहब के आदेश पर डीसीएफ महिला अधिकारी ने सिर्फ इतना ही कहा कि इस पर बाबू के हस्ताक्षर होना चाहिए। इसके जवाब में बड़े साहब ने पहले स्वयं हस्ताक्षर किए और फिर डीसीएफ पर दबाव बनाया कि अब तो हस्ताक्षर कर दो। महिला अधिकारी ने दोहराया कि सर, बाबू के भी हस्ताक्षर होना चाहिए। महिला अफसर का जवाब सुनने के बाद बड़े साहब लाल-पीले हो गए और उन्होंने तीखे स्वर में कहने लगे कि ‘ तुम्हें आईएफएस किसने बना दिया? मैं तुम्हारा एसीआर बिगाड़ दूंगा। नौकरी नहीं कर पाओगी।’ सबके सामने बड़े साहब की फटकार सुनने के बाद अचानक ब्लड प्रेशर कम हो गया। तबीयत बिगड़ने लगी तो ऑफिस के कर्मचारी उन्हें सिद्धांता हॉस्पिटल ले जाकर एडमिट कर दिया। दो दिन तक आईसीयू में भर्ती होने के बाद उन्हें छुट्टी दे दी गई है। अब वे लंबे समय के लिए मेडिकल अवकाश पर चली गई है।
बड़े साहब की असंवेदनशीलता
एपीसीसीएफ स्तर के अधिकारी का गुस्सा यही शांत नहीं हुआ। हॉस्पिटल मैं एडमिट करने गई उनकी एक महिला साथी को भी बड़े साहब ने फटकार लगाई। इससे उनके असंवेदनशीलता की झलक दिखाई देती है। एक तरफ पूरे प्रदेश में महिला सशक्तिकरण के नारे लगाए जाते हैं तो दूसरी तरफ बड़े अफसर का यह व्यवहार दुर्भाग्यजनक कहा जा सकता है। गौरतलब है कि इस घटना की जानकारी वन बल प्रमुख से लेकर पीसीसीएफ स्टार के सभी अधिकारियों को है किन्तु किसी ने भी पीड़िता के पक्ष में कोई कदम नहीं उठाए हैं। यही नहीं, सभी आला अफसर मामले की लीपापोती में जुड़ गए हैं।
और भी कोपभाजक बन चुके है
आईएफएस अफसर की बिरादरी में संबंधित अधिकारी की पहचान छोटे कर्मचारियों को प्रताड़ित करने की बन चुकी है। वर्तमान में वे जहां पदस्थ हैं, वहां पीड़िता महिला अधिकारी के अलावा एक एशिया और कुछ कर्मचारी बदतमीजी का शिकार हो चुके हैं।
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