मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक बार फिर खुद को फार्मर चीफ मिनिस्टर बताया लेकिन कहा कि वे रिजेक्टेड नहीं हैं। चौहान ने यह बात पुणे में एमआईटी के भारतीय छात्र संसद कार्यक्रम में कही। पढ़िये रिपोर्ट।
भारतीय छात्र संसद कार्यक्रम में मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने मुख्यमंत्रित्वकाल को लेकर कहा कि लोग जब आज मामा मामा कहकर उन्हें पुकारते तो यह उन्हें अपनी असली दौलत लगी है। मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़ने को कहा कि वे छोड़के आए तो ऐसे आए कि जनता का स्नेह और प्यार का आज भी मिलता है। चौहान ने कहा कि पद छोड़ दिया तो राजनीति नहीं करूंगा, ऐसा नहीं है। राजनीति वे पद के लिए नहीं करेंगे बल्कि बड़े लक्ष्य के लिए करते रहेंगे।
राजनीति केरियर नहीं बल्कि लोगों के लिए जीना
शिवराज सिंह चौहान ने छात्रों को कहा कि वे राजनीति में आएं लेकिन उसे केरियर के रूप में नहीं अपनाएं। लकधक कपड़े पहनकर राजनीति करने वाले केरियर के रूप में अपनाते हैं। मगर राजनीति दूसरे लोगों के लिए जीने आना चाहिए। सतही राजनीति का प्रयास नहीं करना चाहिए। चौहान ने कहा कि राजनीति में आने से डरना नहीं चाहिए। अगर आप ईमानदार, चरित्रवान हैं तो जरूर आना चाहिए। आप नहीं आएंगे तो बेइमान आएंगे और चोरी करने वाले आएंगे। चौहान ने छात्रों को कहा कि राजनीति केवल अमीरों की तिजोरी से नहीं चलना चाहिए। धन के प्रभाव को राजनीति से छोड़ना हो। उन्होंने कहा कि वे अब तक 11 बार चुनाव जीत चुके हैं और जब चुनाव लड़ते हैं तो प्रचार करने नहीं जाता हूं, लोग खुद चंदा कर चुनाव के लिए राशि जुटाकर देती है।
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