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दलबदल में रिश्तेदारों पर डोरे, INC के Ex Speakar के भाई के बाद अब BJP ने नेता प्रतिपक्ष के भाई को साथ लिया

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में साम दाम दंड भेद की नीतियां अपनाई जा रही हैं। रिश्तेदारों को अपने साथ करने के लिए भाजपा और कांग्रेस तून डाल-डाल, मैं पात-पात के तहत काम कर रही हैं। भाजपा ने चुनाव के 12 दिन पहले नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह को झटका देते हुए उनके नजदीकी संबंध वाले भाई को अपने साथ ले लिया है जिसकी उन्हें भनक तक नहीं लगी है। पढ़िये रिपोर्ट।
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए दलबदल कर नेताओं का यहां से वहां आना-जाना कुछ महीने पहले शुरू हो गया था जो जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आने लगे तो यह क्रम तेज हो गया। दलबदल में पार्टियों का रुख इस बार नेताओं के नहीं आने पर उनके रिश्तेदारों को अपने साथ करने की ओर भी देखा गया। इस क्रम में चुनाव के 11 दिन पहले सोमवार को भाजपा ने भोपाल में एक बड़ा झटका कांग्रेस को दिया गया और यहां नेता प्रतिपक्ष और भिंड के लहार से कांग्रेस के आठवीं बार के प्रत्याशी डॉ. गोविंद सिंह के भाई शैलेंद्र सिंह को केंद्रीय राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने भाजपा की सदस्यता दिलाई।
लहार में डॉ. गोविंद सिंह को पता नहीं था
शैलेंद्र सिंह के सदस्यता कार्यक्रम के बाद जब खबर सबकी ने नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह से बात करना चाही तो उनका फोन किसी अन्य व्यक्ति ने उठाया क्योंकि वे अपने विधानसभा क्षेत्र में चुनाव प्रचार में व्यस्त थे। फोन अटैंड करने वाले व्यक्ति को इस खबर की जानकारी नहीं थी और उन्होंने कहा कि वे डॉक्टर साहब को आपके नाम से सूचना दे देंगे।
पहले इन रिश्तेदारों ने बदले दल
गौरतलब है कि शैलेंद्र सिंह के पहले कुछ अन्य रिश्तेदारों ने भी दलबदल किया और जिनके बारे में उनके रिश्तेदारों ने ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाई। होशंगाबाद से कांग्रेस प्रत्याशी बनाए गए गिरिजाशंकर शर्मा ने कुछ महीने पहले कांग्रेस की सदस्यता ली जबकि उनके भाई सीताशरण शर्मा भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं और होशंगाबाद से पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। भाजपा के पूर्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता के भांजे आशीष गोलू ने भी इसी तरह कांग्रेस की सदस्यता ली थी। वहीं, कांग्रेस के पीढ़ियों का नाता तोड़कर सुंदरलाल तिवारी के पुत्र सिद्धार्थ तिवारी ने भाजपा का दामन थामा और पार्टी ने उन्हें विधानसभा चुनाव में उतार भी दिया।
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