शहडोल से साल की लकड़ी छ्त्तीसगढ़ में तस्करी, गिरोह का पर्दाफाश, चार गिरफ्तार

शहडोल में लकड़ी चोर गिरोह द्वारा साल के पेड़ काटकर लकड़ी छ्त्तीसगढ़ तस्करी कर भेजी जा रही थी जिसका लंबे समय से गिरोह अवैध कारोबार कर रहा था। साल के पेड़ काटने के कुछ दिन तक वे इंतजार करते और फिर उठाकर उनकी चोरी-छिपे तस्करी कर छत्तीसगढ़ में ठिकाने लगाते थे। इस गिरोह का हाल ही में पर्दाफाश हुआ और चार सदस्य को वन विभाग की टीम ने गिरफ्तार किया है। पढ़िए रिपोर्ट।

मुख्य वन संरक्षक वन वृत्त शहडोल एलएल उइके एवं दक्षिण वनमण्डलाधिकारी सुश्री श्रद्धा पद्रे के नेतृत्व में वन विभाग की टीम ने टिंबर तस्कर गिरोह के 4 सदस्यों को गिरफ्तार जेल के सलाखों के पीछे पहुंचा दिया। टिंबर तस्कर शहडोल से साल की लकड़ियां काटकर छत्तीसगढ़ में लाखों की कीमत में बेचते चले आ रहे थे। दक्षिण वनमण्डल शहडोल के वन परिक्षेत्र खन्नाधी अंतर्गत सन्ना सर्किल के करकट बीट में वन क्षेत्र पचपेढी के कक्ष क्रमांक पी. एफ. 560 में बेशकीमती साल के 06 नग हरे मोटे पेड एवं बीट अकुरी के कक्ष क्रमांक आर एफ 543 में 04 नग साल प्रजाति के मोटे पेड़ों को लकड़ी तस्कर के गिरोह द्वारा 5-6 दिन पूर्व काट कर गिराया गया था। मौका निरीक्षण करने पर पाया गया कि उक्त साल के वृक्ष में कई वन्यजीवों के रहवास एवं घोसले तथा पक्षियों के अड्डों को भी क्षति पहुँचाई गई हैं. इसके साथ ही वन क्षेत्र की जैवविविधता को नष्ट किया गया।
ठिकाना बदलकर फरार चल रहा सरगना भी गिरफ्तार
लकड़ी तस्कर गिरोह द्वारा काटी गई लकड़ी को राज्य के बाहर छत्तीसगढ़ ले जाने के फिराक में थे, किन्तु अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना के दौरान वनमण्डलाधिकारी दक्षिण शहडोल के कुशल नेतृत्व में पुलिस अधीक्षक शहडोल से समन्वय स्थापित कर उक्त अपराध में शामिल मुख्य आरोपी जो कि घटना के बाद अपना ठिकाना बदल-बदल कर फरार चल रहा था। उसके मोबाईल की लाईव लोकेशन को पुलिस टीम द्वारा ट्रेस कर वन विभाग की टीम ने दो दिन में आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। पकड़े गये आरोपी के निशानदेही पर अन्य तीन आरोपियों को पकड़ा गया। पकडे गये चारों आरोपियों को न्यायालय शहडोल के समक्ष प्रस्तुत कर पीआर में पुनः से विवेचना हेतु अपने अभिरक्षा में लेकर उनसे पूछताछ करने पर उनके निशानदेही के आधार पर जिस कटर मशीन का उपयोग लकड़ी काटने में किया गया था उसको बरामद किया गया। अगले दिन गिरफ्तार किये गये आरोपियों को भारतीय वन अधिनियम 1927 विनिर्दिष्ट वनोपज व्यापार, विनियमन अधिनियम 1969 वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 तथा जैव विविधता अधिनियम 2002 की विभिन्न धाराओं के तहत प्रकरण पंजीबद्ध कर न्यायालय शहडोल में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। इन आरोपियों के निशान देही पर अन्य आरोपियों की तलाश जारी है. उनके भी जल्द पकड़े जाने की संभावना है। कार्यवाही में उप वनमण्डलाधिकारी सोहागपुर बादशाह रावत, वन परिक्षेत्राधिकारी खन्नाधी सुश्री भाग्यशाली सिंह, वन परिक्षेत्राधिकारी गोहपारू हेमन्त प्रजापति तथा वन परिक्षेत्र खन्नौधी के समस्त स्टाफ की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।

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