राज्य प्रशासनिक नौकरी से इस्तीफा देने वाली छतरपुर एसडीएम रहीं निशा बांगरे ने अब चुनाव लड़ने के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने का ऐलान कर दिया है। बांगरे को कांग्रेस से टिकट की उम्मीद थी लेकिन इस्तीफा स्वीकार होने के कुछ घंटे पहले दूसरे प्रत्याशी के ऐलान के बाद उन्होंने पीछे नहीं हटने की घोषणा कर दी है। पढ़िये रिपोर्ट।
निशा बांगरे छतरपुर एसडीएम थीं तब बैतूल के आमला में अपने नए घर के गृह प्रवेश कार्यक्रम और बौद्ध समाज के धार्मिक कार्यक्रम को लेकर उन्होंने कुछ दिन का अवकाश मांगा था लेकिन राज्य शासन ने इससे इंकार कर दिया। इसके बाद उन्होंने सरकारी नौकरी से इस्तीफा देकर विधानसभा चुनाव लड़ने का मन बनाया था और कांग्रेस नेताओं से चर्चाएं भी हुई थीं। पीसीसी चीफ कमलनाथ से भी उनकी बातचीत हुई थी। फिर तब से ही उनकी भाजपा की शिवराज सरकार और मध्य प्रदेश शासन से लड़ाई शुरू हुई थी। वे हाईकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट लड़ाई लड़ने पहुंची थीं। राज्य शासन द्वारा इस्तीफा स्वीकार करने में टालमटोल किए जाने पर आमला से भोपाल तक पैदल न्याय यात्रा भी निकाली और गिरफ्तारी भी दी थी। इसके बाद अदालत द्वारा दी गई समय सीमा में राज्य शासन पर फैसले का दबाव बना लेकिन आदेश जारी होने के पहले कांग्रेस ने अपना अधिकृत प्रत्याशी घोषित कर दिया।
बुधवार से शुक्रवार के बीच नामांकन पत्र भरने का ऐलान
निशा बांगरे का सोमवार को राज्य शासन ने इस्तीफा स्वीकार कर लिया है जिससे अब वे चुनाव लड़ने के लिए स्वतंत्र हो गई हैं। मगर कांग्रेस से टिकट नहीं बदले जाने के संकेतों के बाद बांगरे ने मंगलवार की रात को फैसला किया कि वे बुधवार से शुक्रवार के बीच नामांकन पत्र दाखिल करेंगी। हालांकि उन्होंने कांग्रेस के अलावा किसी अन्य दल से टिकट मिलने या निर्दलीय चुनाव लड़ने के बारे में कोई स्पष्ट ऐलान नहीं किया है। बांगरे की यह कोशिश कांग्रेस नेतृत्व पर दबाव बनाने की मानी जा रही है और वे उम्मीद कर रही हैं कि कांग्रेस अपना प्र्त्याशी बदल देगी।
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