मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा द्वारा तीन केंद्रीय मंत्रियों सहित सात सांसदों को मैदान में उतारे जाने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया को लेकर संशय बरकरार है। गुना और विदिशा विधानसभा सीटों को पार्टी द्वारा होल्ड पर रखे जाने से यह संशय और बढ़ गया है। गुना आरक्षित है तो विदिशा को होल्ड पर रखे जाने से कई संभावनाएं बरकरार हैं। पढ़िये रिपोर्ट।
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भाजपा ने विधानसभा चुनाव में जिस तरह मध्य प्रदेश में निर्णय लिए हैं, उससे लगता है कि गुना या विदिशा में जो प्रत्याशी दिए जाएंगे, उनमें से एक वैसा ही कोई चौंकाने वाला नाम होगा। गुना ज्योतिरादित्य सिंधिया का लोकसभा क्षेत्र भी रहा है और विदिशा से पूर्व प्रधानमंत्री अटलबिहारी बाजपेयी व विदेश मंत्री रहीं सुषमा स्वराज से लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के लोकसभा क्षेत्र रहे हैं। विदिशा सिंधिया राजघराने से जुड़ा रहा है। इस तरह विदिशा से ज्योतिरादित्य सिंधिया के चुनाव मैदान में उतारे जाने की पूरी संभावना दिखाई दे रही है। गुना के आरक्षित सीट होने से वहां से सिंधिया के चुनाव लड़ने की कोई गुंजाइश ही नहीं है।
चुनाव लड़ने से इंकार की खबरों का खंडन कर चुके ज्योतिरादित्य सिंधिया के चुनाव लड़ने से इंकार की कुछ दिन पहले खबरें छपी थीं तो सिंधिया ने सामने आकर इनका खंडन कराया था और कहा था कि उन्होंने चुनाव नहीं लड़ने की कहीं बात नहीं की है। ऐसे में विदिशा विधानसभा सीट से सिंधिया के विधानसभा चुनाव लड़ने की संभावना बनी हुई है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ग्वालियर में सिंधिया के बुलावे पर कुछ समयावधि के दौरान कई बार आने से उन्हें शीर्ष नेतृत्व द्वारा विशेष महत्व देने के संकेत भी मिल रहे हैं।
सिंधिया परिवार से विधानसभा चुनाव में अभी कोई नहीं उल्लेखनीय है कि भाजपा द्वारा 228 घोषित प्रत्याशी में सिंधिया परिवार से अभी कोई सदस्य चुनाव मैदान में नहीं है। स्वर्गीय माधवराव सिंधिया की मामी माया सिंह जरूर ग्वालियर से चुनाव लड़ रही हैं लेकिन सिंधिया परिवार की यशोधराराजे सिंधिया के शिवपुरी से चुनाव लड़ने से इंकार कर देने के बाद वहां देवेंद्र जैन को पार्टी प्रत्याशी बना चुकी है। इस तरह ज्योतिरादित्य सिंधिया को विदिशा से विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए प्रत्याशी बनाया जाता है तो कोई आश्चर्च नहीं होना चाहिए।
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