अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक शशि मलिक ने समन्वय शाखा का प्रभार संभालते ही वन कर्मचारियों पर नकेल कसने की शुरुआत कर दी है। मलिक ने प्रशासनिक अनुशासन बनाए रखने के लिए एक आदेश जारी कर फॉरेस्ट गार्ड और वाहन चालक से लेकर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को गणवेश पहनकर कार्यालय आने के निर्देश दिए हैं। ऐसा नहीं करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का भी फरमान जारी किया है। पढ़िये रिपोर्ट।
एपीसीसीएफ मलिका ने आदेश में कहा है कि प्रायः यह देखा गया है कि वाहन चालक, वनरक्षक एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी कार्यालय में गणवेश में नहीं रहते हैं। जबकि गणवेश प्रति वर्ष नियमानुसार पहनने के लिए प्रदाय किया जाता है। कर्मचारियों की पहचान एवं ऑफिस के अनुशासन को बनाए रखने के लिए गणवेश पहनना आवश्यक है। प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख कार्यालय में पदस्थ सभी शाखाओं के वर्दीधारी कर्मचारी पात्रता अनुसार प्रदाय वर्दी 1 नवम्बर 23 से अनिवार्य रूप से रोजाना पहनकर कार्यालय में उपस्थित होंगे। कोई कर्मचारी निर्देश का पालन नहीं करता है तो नियमानुसार आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
बिना गणवेश कार्यालय आते हैं कर्मचारी
पीसीसीएफ मुख्यालय हो या फिर सीसीएफ अथवा डीएफओ कार्यालय में वाहन चालक से लेकर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी तक हर साल दी जाने वाली वर्दी के बिना कार्यालय आते हैं। इसके पूर्व कभी भी किसी वन कर्मचारी नेता या फॉरेस्ट गार्ड या फिर ड्राइवर को वर्दी में रहने के आदेश या निर्देश जारी नहीं किए गए जिससे वे बेख़ौफ़ होकर वन बल प्रमुख, पीसीसीएफ, एपीसीसीएफ, सीसीएफ और डीएफओ कार्यालय में पहुंचते हैं। आदेश जारी करने वाले अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक शशि मलिक का कहना है कि उनके आदेश का विरोध होगा किंतु इसके लिए सभी वरिष्ठ अधिकारियों को तैयार रहना चाहिए। अनुशासन का पाठ पढ़ने के लिए शक्ति जरूरी है।
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