-
दुनिया
-
UNO के आह्वान पर JAYS ने मनाया विश्व आदिवासी दिवस, जल, जंगल और जमीन के प्रति जागरूक हुए आदिवासी
-
बागेश्वर सरकार की ज़िंदगी पर शोध करने पहुची न्यूजीलैंड के विश्वविद्यालय की टीम
-
Rahul Gandhi ने सीजफायर को BJP-RSS की सरेंडर की परंपरा बताया, कहा Modi करते हैं Trump की जी हुजूरी
-
ऑपरेशन सिंदूर ने बताया आतंकवादियों का छद्म युद्ध, प्रॉक्सी वॉर नहीं चलेगा, गोली चलाई जाएगी तो गोले चलाकर देंगे जवाब
-
मुंबई-दिल्ली एक्सप्रेस-वे पर कामलीला, नेताजी की महिला शिक्षक मित्र संग आशिकी का वीडियो वायरल
-
MP सूचना आयुक्तों की नियुक्ति पर संकट, सोमवार की बैठक पर नेता प्रतिपक्ष ने दी कोर्ट जाने की चेतावनी

मध्य प्रदेश में सूचना आयोग में सूचना आयुक्तों की नियुक्ति के लिए सोमवार नौ अक्टूबर को सुबह बैठक होने जा रही है लेकिन जल्दबाजी में बुलाई गई बैठक को लेकर नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने अदालत में जाने की चेतावनी दे दी है। पढ़िये रिपोर्ट।
मध्य प्रदेश में सूचना आयोग काफी समय से सूचना आयुक्तों की कमी बनी हुई है और 2018 में नियुक्त पत्रकार विजयमनोहर तिवारी का इस महीने कार्यकाल समाप्त होने से अब मुख्य सूचना आयुक्त के साथ केवल एक सूचना आयुक्त पत्रकार राहुल सिंह शेष होंगे। इसलिए सूचना आयुक्तों की नियुक्ति को लेकर राज्य शासन द्वारा चुनाव आचार संहिता लागू होने के पहले इन पदों में से कुछ को भरने के लिए ताबड़तोड़ प्रयास कर रही है। इसके लिए नौ अक्टूबर को सुबह नौ बजे बैठक बुलाई गई है।
नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने मांगा समय
नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने सूचना आयुक्तों की नियुक्ति को लेकर इतनी जल्दबाजी पर आश्चर्य जताया है और कहा कि वे इस समय अपने क्षेत्र में व्यस्त हैं। ऐसे में नौ अक्टूबर को सुबह नौ बजे बैठक में शामिल होना उनके लिए असंभव है। डॉ. सिंह ने कम से कम तीन दिन बैठक को आगे बढ़ाने की मांग की है। नेता प्रतिपक्ष ने राज्य शासन को चेतावनी दी है कि अगर उनके बिना बैठक की जाती है तो वे उसके खिलाफ अदालत जाएंगे और सूचना आयुक्तों की नियुक्तियों को चैलेंज करेंगे।
सूचना आयुक्तों की नियुक्ति के लिए नेता प्रतिपक्ष की सहमति जरूरी
गौरतलब है कि सूचना आयुक्तों की नियुक्ति के समिति में मुख्यमंत्री, नेता प्रतिपक्ष और मुख्यमंत्री द्वारा नियुक्ति मंत्रिमंडल का कोई एक सदस्य होता है। सूचना आयुक्तों की नियुक्ति को लेकर 2013 के विधानसभा चुनाव के समय विज्ञापन प्रकाशित किया गया था जिसके खिलाफ आरटीआई एक्टिविस्ट अजय दुबे ने आपत्ति दर्ज की थी और फिर 2018 के विधानसभा चुनाव के पहले भी तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने आपत्ति दर्ज कराई थी। वही, परिस्थितियां इस बार 2023 के विधानसभा चुनाव के ठीक पहले दोहराई जा रही है और इस बार तो चुनाव की आचार संहिता के ठीक पहले यह प्रयास किए जा रहे हैं। इससे सरकार की नियत पर सवाल उठना स्वाभाविक है।
Posted in: bhopal news, Uncategorized, अन्य, देश, मध्य प्रदेश, मेरा मध्य प्रदेश, राज्य
Tags: bhopal, bhopal hindi news, bhopal khabar, bhopal khabar samachar, india, madhya pradesh, madhya pradesh . india, politics
Leave a Reply