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मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तारीखें घोषित होने वाली हैं और भाजपा में विरोध के स्वर दिन ब दिन बढ़ते जा रहे हैं। प्रदेश के लगभग हर क्षेत्र में भाजपा के असंतुष्टों ने मोर्चा खोल लिया है जो अब पार्टी के प्रदेश मुख्यालय तक पहुंच गया है। आइए जानते हैं कहां-कहां पार्टी के लिए अंसतुष्ट बन रहे जी का जंजाल।
मध्य प्रदेश में इस सप्ताह विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान होने की संभावना है और प्रदेश के प्रमुख राजनीतिक दल भाजपा और कांग्रेस अपने प्रत्याशी चयन को लेकर उलझे हुए हैं। भाजपा ने जहां 79 प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है तो कांग्रेस अभी एक भी प्रत्याशी के नाम को तय नहीं कर पाई है। तीसरे मोर्चे के रूप में आम आदमी पार्टी भी दो सूचियां जारी कर चुकी है तो बसपा ने भी अपने प्रत्याशियों की सूचियां जारी करने का सिलसिला शुरू कर दिया है। बसपा ने गोंगपा से सीटों का गठबंधन कर लिया है।
भाजपा प्रत्याशी चयन कर असंतुष्टों से घिरी
भाजपा ने तीन सूचियों में 79 प्रत्याशियों के नाम का ऐलान कर दिया है लेकिन उसके लिए यह अब तक फायदेमंद और नुकसानदायक ज्यादा साबित हो रहा है। असंतुष्टों में जिन सीटों पर भाजपा को अब संकट का सामना करना पड़ रहा है, उनमें निम्न विधानसभा सीटों पर मुख्य रूप से विरोध सामने आया है।
सीधीः
पेशाबकांड में समर्थक के कारण आरोपों में घिरे मौजूदा विधायक केदार शुक्ला अपना टिकट काटे जाने की वजह से विद्रोह पर उतर आए हैं। केदार शुक्ला ने ऐलान कर दिया है कि वे किसी दूसरी पार्टी से नहीं बल्कि निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे। पार्टी की प्रत्याशी रीती पाठक की वे रिकॉर्ड मतों से हार की भविष्यवाणी भी कर चुके हैं।
लहारः
नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह की सीट पर भाजपा ने अंमरीश शर्मा को टिकट दिया है जो पहले भी गोविंद सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ चुके हैं। यहां पार्टी के नेता रसाल सिंह ने अमरीश शर्मा को टिकट देने के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। वे सार्वजनिक तौर पर अमरीश के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं। उनका कहना है कि गोविंद सिंह को वे ही हरा सकते हैं। उन्होंने सवाल किया है कि जब अमरीश शर्मा को पार्टी आजमा चुकी है तो फिर दोबारा क्योंक दिया गया।
अमरवाड़ाः
छिंदवाड़ा जिले की अमरवाड़ा विधानसभा सीट पर भाजपा को गोंगपा के पूर्व नेता मनमोहन शाह बट्टी की बेटी मोनिका को टिकट दिए जाने पर स्थानीय कार्यकर्ताओं के विरोध का सामना करना पड़ रहा है। कार्यकर्ताओं का आरोप है कि बट्टी और उनकी बेटी हिंदू विरोधी है। मनमोहन शाह बट्टी ने रामायण को जलाया था तो मोनिका ने बागेश्वरधाम सरकार के खिलाफ बयानबाजी की थी।
महेश्वरः
खरगोन जिले की महेश्वर सीट पर भाजपा ने राजकुमार मेव को टिकट दिया है जिनका नाम पहली सूची में घोषित किया गया था। उनके नाम पर शुरू से ही विरोध है। उनके पुतले तक जला दिए गए थे। गौरतलब है कि राजकुमार मेव पिछली बार टिकट नहीं मिलने के बाद निर्दलीय चुनाव लड़ चुके हैं जिसके कारण स्थानीय भाजपा नेताओं में विरोध शांत नहीं हो रहा है।
नागदा-खाचरौदः
उज्जैन जिले की नागदा-खाचरौद विधानसभा सीट पर भाजपा प्रत्याशी तेजबहादुर सिंह को विरोध का सामना करना पड़ रहा है। यहां पूर्व विधायक दिलीप शेखावत के नेतृत्व में स्थानीय कार्यकर्ता विरोध कर रहे हैं। शेखावत यहां काफी समय से चुनाव लड़ने के लिए मैदानी स्तर पर काम कर रहे थे लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिलने से उनके समर्थक में गुस्सा है।
मनमानी चाही न मिलने से दुखी तो कुछ भौंचक्के
भाजपा की तीन सूचियों में कुछ ऐसे प्रत्याशी हैं जिन्हें मनचाही सीट पर टिकट नहीं मिल सका है तो वे दुखी हैं और कुछ ऐसे हैं जिन्होंने कल्पना नहीं की थी और उन्हें केंद्रीय नेतृत्व ने टिकट दे दिया। इनमें निवास सीट के प्रत्याशी केंद्रीय मंत्री फग्न सिंह कुलस्ते और भोपाल उत्तर के आलोक शर्मा अपनी सीटों को लेकर दुखी हैं क्योंकि दोनों को ही संबंधित विधानसभा क्षेत्रों में परेशानी जाने की संभावना है। कुलस्ते तो हार का डर सता रहा है तो आलोक भोपाल मध्य से टिकट की तैयारी में थे और वहां उन्होंने क्षेत्र के कुछ प्रतिष्ठित लोगों से मुलाकात कर सहयोग का वादा भी ले लिया था। वहीं, कैलाश विजयवर्गीय, नरेंद्र सिंह तोमर, प्रहलाद पटेल अपने टिकट मिलने पर भौंचक्के हैं क्योंकि उन्होंने इसकी कल्पना नहीं की थी।
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