राज्य प्रशासनिक सेवा की महिला अधिकारी निशा बांगरे विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए नौकरी छोड़ना चाहती हैं लेकिन राज्य शासन उनके इस्तीफे को स्वीकार करने में देरी कर रहा है तो वे पैदल न्याय यात्रा पर निकली हैं। अपने घर से वे पाथाखेड़ा के आगे तक पहुंच गई हैं और उनके कदम भोपाल की तरफ बढ़ रहे हैं। पढ़िये रिपोर्ट।
निशा बांगरे अभी एसडीएम छतरपुर हैं लेकिन राज्य शासन के रवैये से परेशान हैं। वे अपने आमला स्थित नवनिर्मित घर के गृह प्रवेश कार्यक्रम के लिए अवकाश नहीं दिए जाने से दुखी हैं। अपने साथ तथाकथित अन्याय को लेकर वे पैदल न्याय यात्रा पर निकल गई हैं क्योंकि वे अदालत में भी गईं और उनका आरोप है कि वहां से स्पष्ट आदेश दिए जाने के बाद भी शासन द्वारा उनके इस्तीफे पर फैसला नहीं कर रहा है। शासन की मंशा को भांपकर वे न्याय यात्रा के लिए निकल पड़ीं हैं। आज दोपहर में वे सारणी के पाथाखेड़ा तक पहुंच गई थीं और दोपहर के बाद वे वहां से निकलीं।
न्याय यात्रा पर पुष्प वर्षा
सारणी से पाथाखेड़ा के बीच न्याय यात्रा पर महिलाओं और बच्चों ने पुष्प वर्षा की और निशा बांगरे का हार-फूल से स्वागत किया। वहीं, बांगरे के आमला स्थित गृह नगर में उनके मामा के अनशन में शनिवार को भंजन मंडली ने शासन को सद्बुद्धि देने के लिए भजन गायन किया। रामायण पाठ भी किया गया। वहीं, निशा बांगरे ने आरोप लगाया है कि उन्हें यात्रा शुरू करने के बाद से धमकियां दी जा रही हैं और उन्होंने दो संदिग्ध युवकों को पकड़ा।
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